Thailand and Cambodia War Update : मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने घोषणा की है कि थाईलैंड और कंबोडिया ने आपसी सीमा विवाद को समाप्त करने के लिए ‘तत्काल और बिना शर्त’ युद्धविराम पर सहमति जता दी है। यह युद्धविराम स्थानीय समयानुसार सोमवार मध्यरात्रि से प्रभावी होगा। अनवर ने इसे क्षेत्र में शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
पिछले गुरुवार, 24 जुलाई को शुरू हुए इस सीमा संघर्ष में अब तक कम से कम 35 लोग मारे गए हैं और 2,70,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं। दोनों देश एक-दूसरे पर हिंसा शुरू करने का आरोप लगा रहे थे। थाईलैंड ने दावा किया कि कंबोडिया ने ड्रोन के जरिए उनकी सेना की निगरानी की, जबकि कंबोडिया ने आरोप लगाया कि थाई सैनिकों ने खमेर-हिंदू मंदिर पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे।
मलेशिया, जो वर्तमान में आसियान (ASEAN) का अध्यक्ष है, ने इस संघर्ष को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की थी। सोमवार को पुत्रजया में आयोजित शांति वार्ता में थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने हिस्सा लिया। वार्ता में अमेरिका और चीन के राजदूत भी मौजूद थे।
अनवर ने कहा, “दोनों नेताओं ने तत्काल युद्धविराम के लिए अपनी सहमति व्यक्त की है। यह शांति और सुरक्षा की बहाली की दिशा में पहला कदम है।” उन्होंने दोनों देशों के नेताओं के प्रति आभार जताया और आसियान की एकजुटता पर जोर दिया।
हुन मानेट ने कहा कि इस युद्धविराम से दोनों देशों के लाखों लोगों को सामान्य जीवन में लौटने का अवसर मिलेगा। हालांकि, थाईलैंड ने वार्ता से पहले कंबोडिया की मंशा पर सवाल उठाए थे और कहा था कि वे केवल तभी युद्धविराम पर विचार करेंगे, जब कंबोडिया ‘ईमानदारी’ दिखाएगा।
यह विवाद एक सदी से अधिक पुराना है, जो फ्रांसीसी औपनिवेशिक काल में सीमा निर्धारण से शुरू हुआ था। विशेष रूप से, प्रीह विहार मंदिर, जिसे 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने कंबोडिया को सौंपा था, और ता मुएन थोम मंदिर जैसे क्षेत्रों को लेकर तनाव अभी बना हुआ है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस युद्धविराम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से बात की और चेतावनी दी कि यदि हिंसा जारी रही तो अमेरिका उनके साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत नहीं करेगा।
हालांकि, सोमवार को भी सीमा पर छिटपुट गोलीबारी की खबरें थीं। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमले शुरू करने का आरोप लगाया। फिर भी, इस युद्धविराम को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
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