Terrorist attack at Sydney’s Bondi Beach: हमलावर हैदराबाद का मूल निवासी, हमले से पहले भारत आया था

Terrorist attack at Sydney’s Bondi Beach: ऑस्ट्रेलिया के मशहूर बॉन्डी बीच पर 14 दिसंबर को हनुक्का उत्सव के दौरान हुए भयानक आतंकी हमले में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए। यह हमला यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर किया गया था, जिसमें पिता-पुत्र की जोड़ी ने राइफलों से अंधाधुंध गोलीबारी की। हमलावरों की पहचान 50 वर्षीय साजिद अकरम और उनके 24 वर्षीय बेटे नवेद अकरम के रूप में हुई है।

भारतीय अधिकारियों के अनुसार, साजिद अकरम मूल रूप से हैदराबाद (तेलंगाना) के टोलीचौकी इलाके के रहने वाले हैं। उन्होंने कॉमर्स में स्नातक की डिग्री हैदराबाद से पूरी करने के बाद 1998 में छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। वहां उन्होंने एक यूरोपीय महिला से शादी की और भारतीय पासपोर्ट रखा। साजिद ने ऑस्ट्रेलिया में छह आग्नेयास्त्रों का लाइसेंस लिया हुआ था। उनका बेटा नवेद ऑस्ट्रेलिया में 2001 में पैदा हुआ और ऑस्ट्रेलियाई नागरिक है।

अधिकारियों ने बताया कि साजिद का भारत से संपर्क बहुत सीमित था। 27 सालों में सिर्फ दो-तीन बार भारत आया, आखिरी बार 2022 में। उनके पिता 1984 में यूएई की सेना से रिटायर हुए थे और 2017 में उनका निधन हो गया, लेकिन साजिद अंतिम संस्कार में भी नहीं आए। हैदराबाद में उनका बड़ा भाई डॉक्टर है और परिवार अभी भी वहां रहता है। प्रारंभिक जांच में भारत में साजिद के किसी कट्टरपंथी या स्थानीय संपर्क का कोई सबूत नहीं मिला है।

हमले में साजिद पुलिस की गोलीबारी में मारा गया, जबकि नवेद गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इसे इस्लामिक स्टेट (आईएस) की विचारधारा से प्रेरित आतंकी हमला बताया। हमलावरों की कार में आईएस के झंडे और घरेलू बम मिले। दोनों ने नवंबर 2025 में फिलीपींस की यात्रा की थी, जहां साजिद भारतीय पासपोर्ट पर और नवेद ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट पर गए थे। जांच में इस यात्रा की भूमिका की भी पड़ताल हो रही है।

इस हमले में एक फल विक्रेता अहमद अल अहमद ने बहादुरी दिखाते हुए एक हमलावर को निहत्था कर दिया, जिसके लिए उन्हें हीरो कहा जा रहा है। घायलों में तीन भारतीय छात्र भी शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया में यह 1996 के पोर्ट आर्थर नरसंहार के बाद सबसे घातक गोलीबारी है, जिसने बंदूक कानूनों पर फिर बहस छेड़ दी है।

भारतीय विदेश मंत्रालय और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के बीच जांच में पूरी सहयोग कर रहा है। यह घटना वैश्विक स्तर पर यहूदी-विरोधी हमलों और कट्टरपंथ की बढ़ती चिंता को उजागर करती है।

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