हमलावरों की पहचान और पृष्ठभूमि
• हमलावरों की पहचान साजिद अकरम (50 वर्ष) और उनके बेटे नवीद अकरम (24 वर्ष) के रूप में हुई है।
• साजिद को पुलिस ने मौके पर ही गोली मारकर ढेर कर दिया, जबकि नवीद गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में भर्ती है।
• दोनों ने पुल से नीचे उत्सव में शामिल लोगों पर गोलियां बरसाईं और “अल्लाहु अकबर” के नारे लगाए।
• जांच में पता चला है कि हमलावरों की कार में आईएसआईएस के झंडे मिले और वे इस्लामिक स्टेट की विचारधारा से प्रेरित थे।
• ताजा जानकारी के अनुसार, हमले से एक महीने पहले दोनों फिलीपींस गए थे, जहां उन्होंने सैन्य शैली की ट्रेनिंग ली थी।
• नवीद की 2019 में आईएसआईएस से संभावित संबंधों के कारण जांच हो चुकी थी, लेकिन वे किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा नहीं थे।
नायक की बहादुरी
हमले के दौरान एक बहादुर शख्स अहमद अल-अहमद (43 वर्ष) ने साजिद से बंदूक छीनकर कई जानें बचाईं। वे खुद घायल हो गए और अस्पताल में भर्ती हैं। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने उन्हें अस्पताल में जाकर सम्मानित किया।
शोक और स्मृति
मृतकों में 10 वर्ष की बच्ची और एक ब्रिटिश मूल के रब्बी भी शामिल हैं। घायलों में से 25 अभी भी अस्पताल में हैं, जिनमें 10 की हालत गंभीर है। पूरे ऑस्ट्रेलिया में शोक की लहर दौड़ रही है। बॉन्डी पविलियन के बाहर फूल और मोमबत्तियां चढ़ाई जा रही हैं। सिडनी ओपेरा हाउस पर हनुक्का मेनोराह की रोशनी प्रोजेक्ट की गई है। प्रधानमंत्री अल्बनीज ने इसे “ऑस्ट्रेलिया के इतिहास का काला दिन” बताया और लोगों से घरों में मोमबत्ती जलाने की अपील की।
सख्त हथियार कानूनों का प्रस्ताव
हमले में इस्तेमाल हथियार वैध थे—साजिद के पास 2015 से गन लाइसेंस था। इसके बाद प्रधानमंत्री अल्बनीज ने राष्ट्रीय स्तर पर हथियार कानूनों को और सख्त करने का ऐलान किया है, जिसमें राष्ट्रीय फायरआर्म्स रजिस्टर, एक व्यक्ति द्वारा रखे जा सकने वाले हथियारों की संख्या पर सीमा, और लाइसेंस के लिए ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता अनिवार्य करना शामिल है।
यह ऑस्ट्रेलिया में 1996 के पोर्ट आर्थर नरसंहार के बाद सबसे घातक गोलीबारी है। जांच जारी है और विश्व भर में यहूदी समुदाय में एंटीसेमिटिज्म की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई जा रही है।

