कुत्तों का आतंकः सुप्रीम कोर्ट में स्ट्रीट डॉग्स पर सुनवाई पूरी, जानिए कोर्ट ने क्या दिया फैसला

Terror of dogs in Delhi NCR:सुप्रीम कोर्ट में स्ट्रीट डॉग्स के मामले में सुनवाई फिर से शुरू हो गई है। तीन जजों की बेंच ये सुनवाई कर रही है। कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से तुषार मेहता ने कहा है कि चिकन खाने वाले लोग खुद को एनिमल लवर्स बता रहे हैं। उन्होंने दलील देते हुए एक डेटा पेश किया जिसमें बताया गया कि साल 2024 में देश भर से कुत्तों के काटने के 37 लाख मामले सामने हैं। जिसमें से रेबीज के कारण 305 मौतें हुईं, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मॉडल के अनुसार यह संख्या कहीं ज्यादा है। कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता। इस मामले पर सुनवाई खत्म हो गई है। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है।
कुत्तों का आतंक, बच्चों-बड़ों का बाहर निकलना मुश्किल
दिल्ली, नोएडा ग्रेटर नोएड और तमाम एनसीआर के इलाकों में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर हो गया है कि शीर्ष अदालत को स्वतरू संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई करनी पड़ रही है। इस मामले में आज यानी गुरुवार सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ अब आवारा कुत्तों के मुद्दे पर शुरू की गई स्वतः संज्ञान कार्यवाही पर सुनवाई करेगी।
अभी तक इस मामले की सुनवाई दो न्यायाधीशों की पीठ दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में सड़कों पर रहने वाले सभी आवारा कुत्तों को एनिमल शेल्टर हाउस में भेजने का आदेश दिया था। जिसके बाद अब यह मामला तीन न्यायाधीशों की पीठ को सौंप दिया गया है। दो जजों की पीठ ने 28 जुलाई को एक समाचार रिपोर्ट के बाद आवारा कुत्तों की समस्या का स्वतः संज्ञान लिया था।

 

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