कालकाजी मंदिर सेवादार हत्या मामले में मंदिर प्रमुख का बयान, घटना मंदिर से दूर हुई

Kalkaji Mandir News: दिल्ली के प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर में 29 अगस्त को हुई एक सेवादार की हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बुधवार को इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “यह बहुत दुखद है। 29 अगस्त को सेवादार और श्रद्धालुओं के बीच मारपीट हुई। इसमें सेवादार की मौत हो गई। यह दुर्घटना मंदिर से बहुत दूर राम पियाओ के पास घटित हुई।” उनका यह बयान घटना की लोकेशन को लेकर उठ रहे विवादों के बीच आया है, जहां कुछ रिपोर्ट्स में इसे मंदिर परिसर के अंदर बताया गया है।

घटना की पूरी कहानी
29 अगस्त की रात करीब 9:30 बजे कालकाजी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे कुछ श्रद्धालुओं और 35 वर्षीय सेवादार योगेंद्र सिंह के बीच प्रसाद व चुनरी को लेकर विवाद हो गया था। योगेंद्र सिंह, जो उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के फत्तेपुर गांव के निवासी थे, पिछले 14-15 वर्षों से मंदिर में सेवा दे रहे थे। वे अपनी दिव्यांग बेटी के इलाज के लिए दिल्ली में रहते थे और दिन-रात मेहनत करते थे। पुलिस के अनुसार, श्रद्धालुओं ने प्रसाद में चुनरी न मिलने पर गुस्सा हो गया और उन्होंने योगेंद्र पर लाठियों, डंडों व मुक्कों से बेरहमी से हमला कर दिया। सीसीटीवी फुटेज में हमलावरों को योगेंद्र को जमीन पर गिराकर पीटते हुए साफ देखा जा सकता है।

हमला इतना क्रूर था कि योगेंद्र को तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटनास्थल पर मौजूद अन्य सेवादारों ने कोई मदद नहीं की, जिससे सवाल उठे कि मंदिर में 50 से अधिक सेवादार होने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था क्यों नाकाम रही। एक अन्य सेवादार राजू ने बताया कि योगेंद्र धर्मशाला में आराम कर रहे थे जब हमलावरों ने उन पर धावा बोल दिया था।

पुलिस कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने तुरंत कालकाजी थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103(1) और 3(5) के तहत हत्या का मामला दर्ज किया। शुरुआती जांच में मुख्य आरोपी अतुल पांडे को स्थानीय लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया। उसके बाद 30 अगस्त को मोहन उर्फ भूरा (19), कुलदीप बिधूड़ी (20), अनिल कुमार (55) और उसके बेटे नितिन पांडे (26) को गिरफ्तार किया गया। 1 सितंबर तक कुल 9 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि कुछ फरार हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज व गवाहों के बयानों के आधार पर जांच तेज कर दी है। दक्षिण-पूर्व दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर हेमंत तिवारी ने बताया कि आरोपी दर्शन के बाद कतार में लगने को कहे जाने पर भड़क गए थे।

राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना पर आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर कहा, “कालकाजी मंदिर के अंदर सेवादार की निर्मम हत्या करने से पहले इन बदमाशों के हाथ नहीं कांपे? ये कानून व्यवस्था की विफलता नहीं तो और क्या है?” आप नेता आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर इस्तीफे की मांग की और कहा कि भाजपा की ‘चार इंजन वाली सरकार’ में दिल्ली में जंगलराज हो गया है। दूसरी ओर, मंदिर कमेटी ने आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और पुलिस से मंदिर परिसर में अधिक बल तैनाती की मांग की है।

कोर्ट में मामला
मृतक के भाई ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुलिस गवाहों को धमका रही है और मंदिर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही। 8 सितंबर को जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर स्टेटस रिपोर्ट मांगी और जांच के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी। याचिका में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को मंदिर की सुरक्षा सौंपने की भी मांग की गई है।

मंदिर प्रमुख का बयान विवादास्पद
सुरेंद्रनाथ अवधूत का कहना है कि घटना मंदिर से दूर ‘राम पियाओ’ नामक स्थान पर हुई, जो पुलिस व सीसीटीवी सबूतों से मेल नहीं खाता। मंदिर प्रबंधन ने इसे दुर्घटना बताने से इनकार किया है और कहा है कि यह हत्या का स्पष्ट मामला है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में हमलावरों की बर्बरता साफ दिख रही है, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया है। एक यूजर ने लिखा, “हिंदू मंदिर में सेवादार की हत्या हो रही है,

कब तक चुप रहेंगे?”
यह घटना दिल्ली में कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ी कर रही है। मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाने की मांग तेज हो गई है। पुलिस ने मंदिर के आसपास विशेष निगरानी बढ़ा दी है।

यह भी पढ़ें: मेवात की 80 वर्षीय मुस्लिम महिला ने पंजाब बाढ़ पीड़ितों के लिए दान किए पैतृक गहने, पेश की मानवता की मिसाल

यहां से शेयर करें