तेज प्रताप के उम्मीदवारों को मिला महागठबंधन का साथ: सुगौली सीट पर खेला गया बड़ा राजनीतिक दांव

Tej Pratap’s Grand Alliance/Motihari News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण से ठीक पहले पूर्वी चंपारण जिले की सुगौली विधानसभा सीट पर सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। महागठबंधन ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) के उम्मीदवार श्याम किशोर चौधरी को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। यह फैसला नामांकन प्रक्रिया के दौरान एक उम्मीदवार के पर्चा रद्द होने के बाद लिया गया, जिससे महागठबंधन ने अपनी सीट बचाने के साथ-साथ तेज प्रताप को मजबूत संदेश भी दे दिया।

क्या हुआ आखिर? नामांकन रद्द, फिर समर्थन का खेल
महागठबंधन में सुगौली सीट वीआईपी पार्टी (मुकेश साहनी) के कोटे में आई थी। वीआईपी ने पूर्व आरजेडी विधायक शशिभूषण सिंह को टिकट दिया, लेकिन जांच के दौरान उनका नामांकन खारिज हो गया। ऐसे में गठबंधन के पास कोई वैकल्पिक उम्मीदवार नहीं बचा। इसी मजबूरी में मुकेश साहनी ने तेज प्रताप की पार्टी के उम्मीदवार श्याम किशोर चौधरी को समर्थन दे दिया। अब श्याम किशोर को आरजेडी, कांग्रेस, वामपंथी दलों समेत पूरे महागठबंधन का वोट बैंक मिलेगा।

दूसरी तरफ, सारण जिले की मढ़ौरा सीट पर एनडीए ने उल्टा खेल खेला। यहां भी एक उम्मीदवार का पर्चा रद्द होने के बाद एनडीए ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार को समर्थन दिया। दोनों गठबंधनों के इस फैसले से चुनावी जंग और रोचक हो गई है।

तेज प्रताप का बिहार में क्या है दांव?
लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप ने हाल ही में आरजेडी छोड़कर जनशक्ति जनता दल गठित की। उन्होंने 21 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसमें महुआ से खुद लड़ रहे हैं। तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन से अलग होकर वे थर्ड फोर्स के रूप में उभरने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सुगौली जैसे फैसले से साफ है कि फैमिली फ्यूड के बावजूद रणनीतिक समर्थन जारी है।

मुकेश साहनी ने कहा, “हमने सीट बचाने के लिए यह कदम उठाया। तेज प्रताप के उम्मीदवार मजबूत हैं, वे जीतेंगे।” तेज प्रताप ने भी ट्वीट कर खुशी जताई, “जनता का साथ मिल रहा है।”

एनडीए की चालाकी, महागठबंधन की मजबूरी?
एनडीए (बीजेपी-जेडीयू) ने मढ़ौरा में स्वतंत्र को समर्थन देकर महागठबंधन को काउंटर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेज प्रताप को कमजोर करने की साजिश है। बिहार चुनाव में 243 सीटों पर 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा। तेजस्वी यादव सीएम फेस हैं, और महागठबंधन ने ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ घोषणा पत्र जारी कर वादे किए हैं- हर घर नौकरी, मुफ्त बिजली आदि।
एनडीए नेता बोले, “महागठबंधन बिखरा हुआ है, हम 150+ सीटें लेंगे।”

चुनावी समीकरण में क्या असर?
यह समर्थन महागठबंधन के लिए जीत की गारंटी तो है, लेकिन तेज प्रताप को मजबूत भी कर रहा। अगर वे कुछ सीटें जीत गए, तो सरकार बनाने में किंगमेकर बन सकते हैं। बिहार की सियासत में यादव भाइयों का रिश्ता फिर सुधरेगा या नहीं, यह तो वक्त बताएगा। लेकिन फिलहाल, सुगौली पर तेज प्रताप की जीत तय लग रही है!

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