मनमोहन सिंह को नम आंखों से अंतिम विदाई, पंच तत्व में हुए विलीन

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आज यानी शनिवार को अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगमबोध घाट पर हुआ। ज्यादातर बड़े नेता अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कई नेता मौजूद रहे। इस दौरान भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भी मौजूद थे।

कांग्रेस मुख्यालय से शुरू हुई अंतिम यात्रा
पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को पहले राष्ट्रीय राजधानी स्थित कांग्रेस मुख्यालय ले जाया गया। केंद्र सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में पूरे देश में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान पूरे भारत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी ने दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनकी चिता को मुखाग्नि दी।

आप नेता संजय सिंह ने उठाए सवाल

आप नेता संजय सिंह ने मनमोहन सिंह स्मारक विवाद पर सबसे बड़ा सवाल उठाया। कहा कि जब मनमोहन सिंह का परिवार राजघाट परिसर में दाह संस्कार करना चाहता था, तो इसकी अनुमति क्यों नहीं दी गई? इससे दुनिया में क्या संदेश जाएगा? वह एक महान अर्थशास्त्री थे, देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले गए, वह 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे। वे जगह नहीं दे रहे हैं। निगमबोध घाट पर किसी भी प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार नहीं हुआ। वे क्या संदेश देना चाहते हैं? इससे पता चलता है कि भाजपा भले ही बड़ी पार्टी रही हो, लेकिन उनका दिल बहुत छोटा है। यह भारत के लोगों के लिए एक झटके की तरह है।
बता दें कि निगमबोध घाट पर नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। दिल्ली के निगम बोध घाट पर नेताओं और परिवार के सदस्यों द्वारा अंतिम श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था।

 

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