वीडियो में देखा जा सकता है कि कार्यक्रम के दौरान एक महिला मुत्ताकी को कुछ प्रेजेंट करने के लिए आगे आ रही थी। पास खड़े सिख पदाधिकारी ने अपनी जगह से हटकर महिला को आगे आने का इशारा किया, लेकिन मुत्ताकी ने तुरंत उनका हाथ पकड़कर दबा दिया, जिससे संकेत दिया कि वे अपनी जगह पर ही रहें। यह इशारा तालिबान के सख्त इस्लामी नियमों से जुड़ा माना जा रहा है, जहां महिलाओं के साथ निकटता से बचा जाता है। सोशल मीडिया यूजर्स इसे ‘तकवा’ (ईश्वर भक्ति) का उदाहरण बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे महिलाओं के अधिकारों पर तालिबान की नीतियों की झलक के रूप में देख रहे हैं।
मुत्ताकी का यह दौरा अफगानिस्तान-भारत संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से है। वे दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं, जहां उन्होंने पाकिस्तान को ‘खेल खेलना बंद करने’ की चेतावनी दी। साथ ही, उन्होंने देवबंद का दौरा भी किया, जो उनके लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शुरुआत में प्रवेश नहीं दिया गया था, जिस पर विवाद हुआ। बाद में उन्हें बुलाया गया।
सोशल मीडिया पर वीडियो को लाखों व्यूज मिल चुके हैं। एक यूजर ने कमेंट किया, “सिख भाई महिला को जगह देना चाहते थे, लेकिन मुत्ताकी ने हाथ दबाकर रोक लिया। यह इस्लाम की खूबसूरती है।” वहीं, कुछ लोगों ने इसे महिलाओं के प्रति तालिबान की रूढ़िवादी सोच का प्रमाण बताया।
मुत्ताकी की भारत यात्रा तालिबान शासन के बाद किसी शीर्ष नेता की पहली आधिकारिक यात्रा है, जो व्यापार, सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर केंद्रित है। लेकिन इस तरह की घटनाएं उनके दौरे को और अधिक चर्चा का विषय बना रही हैं।

