रिकॉर्ड 10वीं बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, क्या रुकेगा पलायन

Gandhi Maidan/Oath Taking News: बिहार की राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण आज पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में देखने को मिला, जब जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान ने सुबह 11:30 बजे शुरू हुए इस भव्य समारोह में शपथ दिलाई गई। NDA गठबंधन की प्रचंड जीत के बाद बनी इस नई सरकार में नीतीश कुमार के साथ कुल 22 लोगों ने शपथ ग्रहण की, जिसमें दो उपमुख्यमंत्री और 20 अन्य मंत्री शामिल हैं। यह शपथ ग्रहण बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की जीत का प्रतीक बन गया, जहां NDA ने 243 सीटों में से 202 पर कब्जा जमाया।

नीतीश कुमार का यह कार्यकाल 2000 से शुरू हुई उनकी राजनीतिक यात्रा का नया अध्याय है। पहले 7 दिनों के अल्पकालिक कार्यकाल से लेकर अब तक, उन्होंने कई गठबंधनों के बीच उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन सुशासन और विकास के वादों पर अडिग रहे। आज के समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश को बधाई देते हुए कहा, “बिहार का विकास अब नई गति पकड़ेगा। NDA की एकजुटता बिहार की प्रगति का आधार बनेगी।” यह नीतीश का गांधी मैदान में चौथा शपथ ग्रहण समारोह था, जो स्वतंत्रता संग्राम से लेकर जेपी आंदोलन तक की साक्षी रहा है।

दो डिप्टी सीएम और 20 मंत्री
नीतीश कुमार के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सम्राट चौधरी ने हिंदी में और विजय सिन्हा ने संस्कृत में शपथ ग्रहण की। इसके अलावा, 20 अन्य विधायकों ने मंत्रिमंडल में विभिन्न पदों पर शपथ ली, जिसमें JD(U) के विजय कुमार चौधरी, लेस्ली सिंह, श्रवण कुमार और भाजपा तथा सहयोगी दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। नई कैबिनेट में 6 नए चेहरे जुड़े हैं, जो गठबंधन की मजबूती को दिखा हैं। अधिकतम 36 सदस्यीय मंत्रिमंडल में यह पहला चरण है, और पोर्टफोलियो वितरण पर अंतिम चर्चा आज ही होने की संभावना है। होम मंत्रालय को लेकर JD(U) और भाजपा के बीच कुछ असहमति की खबरें आईं, लेकिन शाह की मौजूदगी में इसे सुलझा लिया गया।

मंच पर दिग्गजों की मौजूदगी
शपथ ग्रहण समारोह के मुख्य मंच पर राष्ट्रीय और राज्य स्तर के प्रमुख नेता एकत्र हुए, जो NDA की मजबूत एकता का प्रतीक बने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मंच पर विराजमान रहे।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 11 NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित थे। इसके अलावा, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के चिराग पासवान, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रतिनिधि भी मंच पर दिखे। समारोह में 150 से अधिक अतिथियों को आमंत्रित किया गया था, और दो मंचों पर आयोजित इस कार्यक्रम को टीवी चैनलों पर लाइव प्रसारित किया गया।

पृष्ठभूमि
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA ने शानदार प्रदर्शन किया। भाजपा को 89, JD(U) को 85, LJP(RV) को 19, HAM को 5 और RLM को 4 सीटें मिलीं, जबकि महागठबंधन को महज 35 सीटें ही नसीब हुईं। नीतीश कुमार ने 19 नवंबर को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा और NDA विधायकों के समर्थन पत्र के साथ नई सरकार बनाने का दावा पेश किया।

JD(U) विधायी दल की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से नेता चुना गया, उसके बाद NDA विधायी दल ने भी अनुमोदन दिया। यह जीत महिलाओं के वोट और कल्याण योजनाओं का परिणाम बताई जा रही है, जो नीतीश के सुशासन मॉडल की सफलता को रेखांकित करती है।

नीतीश कुमार ने शपथ के बाद कहा, “बिहार अब विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा। हम गरीबी उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर देंगे।” विपक्षी दलों ने NDA सरकार को बधाई दी, लेकिन चेतावनी दी कि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा। यह शपथ ग्रहण न केवल बिहार बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में NDA की मजबूती का संकेत देता है। बिहार के लोग अब नई सरकार से रोजगार, बुनियादी ढांचे और ग्रामीण विकास में तेजी की उम्मीद कर रहे हैं।

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