Axiom-4 Mission : 18 दिन बाद अंतरिक्ष से धरती पर लौटेंगे भारत के बेटे शुभांशु शुक्ला

Axiom-4 Mission :

Axiom-4 Mission : नई दिल्ली। भारत के लिए यह दिन गर्व और भावुकता से भरा है। देश के पहले अंतरिक्ष यात्री जिन्होंने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर भारत का प्रतिनिधित्व किया, Shubhanshu Shukla, आज सफलतापूर्वक धरती पर लौट रहे हैं। शुभांशु, जिन्होंने 25 जून को तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ रवाना होकर इतिहास रच दिया था, अब 18 दिनों का अंतरिक्ष सफर पूरा कर चुके हैं।

Axiom-4 Mission :

ISS पर रिसर्च और विज्ञान का परचम

अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर रहते हुए Shubhanshu Shukla ने न केवल भारतीय वैज्ञानिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया, बल्कि उन्होंने अंतरिक्ष में कई अहम प्रयोग और अनुसंधान कार्य भी किए। वहां की स्थितियों में मानव शरीर पर प्रभाव, जीरो ग्रैविटी में कोशिकीय अध्ययन और माइक्रोग्रैविटी अनुसंधान में उनकी सक्रिय भूमिका रही।

आज दोपहर 3 बजे कैलिफोर्निया के समुद्र में होगी वापसी

ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कैप्सूल, जिसमें शुभांशु और उनके साथी सवार हैं, आज दोपहर करीब 3 बजे (भारतीय समयानुसार) कैलिफोर्निया के समुद्र में उतरेगा। यह प्रक्रिया बेहद संवेदनशील और वैज्ञानिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण होती है। सोमवार शाम करीब 4:45 बजे उनके यान ने ISS से अनडॉक किया था, जिसके बाद 22 घंटे लंबी धरती वापसी यात्रा शुरू हुई।

Axiom-4 Mission : कैसे लौटते हैं एस्ट्रोनॉट पृथ्वी पर?

शुभांशु और उनके साथियों की वापसी पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर विशेष तापरोधी सुरक्षा ढांचे वाले कैप्सूल के ज़रिए होती है। जैसे ही कैप्सूल पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करता है, घर्षण की वजह से तापमान 1600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इसके लिए हीट शील्ड का प्रयोग किया जाता है। एक बार जब यान धीमा होकर पृथ्वी की सतह के पास पहुंचता है, पैराशूट की मदद से उसकी रफ्तार नियंत्रित की जाती है और समुद्र पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाती है।

Axiom-4 Mission : पूरे देश में गर्व और प्रार्थना का माहौल

शुभांशु शुक्ला की वापसी को लेकर भारत के हर कोने में उत्साह है। स्कूलों, कॉलेजों, और वैज्ञानिक संस्थानों में उनके स्वागत की तैयारियां चल रही हैं। सोशल मीडिया पर #WelcomeBackShubhanshu ट्रेंड कर रहा है। हर भारतवासी को गर्व है कि उनका एक बेटा अंतरिक्ष की ऊंचाइयों से लौट रहा है।

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विज्ञान के स्वदेशी सितारे

शुभांशु की यह यात्रा सिर्फ एक अंतरिक्ष मिशन नहीं, बल्कि भारत के अंतरिक्ष स्वाभिमान की उड़ान है। वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। अंतरिक्ष में भारतीय उपस्थिति को मज़बूत करने की दिशा में यह मिशन मील का पत्थर साबित होगा।

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