कोरोना काल की फीस वापसी के लिए गूगल पर सर्वे, आप भी कर सकते है शिकायत

गौतमबुद्धनगर पेरेंट्स वेल्फेयर सोसाइटी ( जीपीडब्ल्यूएस) ने कई स्कूलो के अभिभावकों की फीस में कोरोना काल की फीस का 15 प्रतिशत समायोजन या वापिस नहीं करने की शिकायत पर गूगल सर्वे कराया जा रहा है। कोरोना काल में स्कूलो को मुनाफा कमाने व शिक्षा का व्यवसायीकरण तथा अपने आगे न्यायालय या सरकार के आदेशों को नजरअंदाज करने की प्रवृत्ति को सभी के सामने लाने का प्रयास कर रहा है।

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जीपीडब्ल्यूएस के संस्थापक मनोज कटारिया ने बताया कि जनवरी 2023 में माननीय उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलो को कोविड-19 की महामारी के दौरान सत्र 2020-21 में ट्यूशन फीस के अतिरिक्त ली गई फीस को जो करीब 15ः बनता है। विद्यार्थियों के अभिभावकों को सत्र 2023-24 में समायोजित या वापिस करने का आदेश दिया था। बाद में उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव डॉ रूपेश कुमार ने भी सभी जिला विद्यालय निरीक्षक को उच्च न्यायालय के आदेश को कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए। जिसके फलस्वरूप जनपद गौतमबुद्धनगर के जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी स्कूलो को नोटिस भी दिए तथा करीब 100 स्कूलो पर आदेश का पालन नहीं करने पर पेनाल्टी भी लगायी थी।
इस के बावजूद अब सत्र 2023-24 भी समाप्त होने जा रहा है, लेकिन काफी अभिभावक यह कहते सुने जा सकते हैं कि उनको उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी उनके बच्चे की फीस में कोई समायोजन-वापिस नहीं की है।

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कक्षा बारह के साइंस स्ट्रीम की बोर्ड की परीक्षा पूरी हो चुकी है बाकी विद्यार्थियों की परीक्षाएं भी शीघ्र खत्म हो जाएंगी और ये सभी विद्यार्थि अपने आगे की शिक्षा के लिए चले जाएंगे परन्तु स्कूल इन बच्चों की फीस के विषय पर ना तो स्कूल ही कुछ कह रहा और नाहीं प्रशासन। बल्कि स्कूलो ने आने वाले सत्र की फीस का ब्यौरा भी भेजना आरंभ कर दिया है अखिर अभिभावकों की व्यथा-कथा को कौन सुनेगा

 

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