SSC Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) की कॉन्स्टेबल (जीडी) भर्ती में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि ओबीसी या अन्य आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार आयु छूट या अन्य रियायतों का लाभ उठाते हैं, तो वे सामान्य (अनारक्षित) श्रेणी की सीटों पर चयन के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे, खासकर जब भर्ती नियमों में इसकी स्पष्ट मनाही हो। यह फैसला 9 सितंबर 2025 को न्यायमूर्ति सूर्या कांत और न्यायमूर्ति जोयमल्या बागची की पीठ ने सुनाया।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला 2015 में एसएससी द्वारा सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (सीएपीएफ) में कॉन्स्टेबल (जीडी) पदों की भर्ती से जुड़ा है। भर्ती में आयु सीमा 18 से 23 वर्ष निर्धारित थी, लेकिन ओबीसी उम्मीदवारों को तीन वर्ष की आयु छूट दी गई थी। कई ओबीसी उम्मीदवारों ने इस छूट का लाभ उठाकर आवेदन किया, लेकिन वे अपनी आरक्षित श्रेणी में चयनित नहीं हो सके। हालांकि, उनके अंक सामान्य श्रेणी के अंतिम चयनित उम्मीदवार से अधिक थे, इसलिए उन्होंने अनारक्षित सीटों पर दावा किया। हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया था, लेकिन केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
अदालत के प्रमुख तर्क और फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों का अनारक्षित सीटों पर माइग्रेशन (स्थानांतरण) भर्ती नियमों पर निर्भर करता है। यदि नियमों या नोटिफिकेशन में कोई मनाही नहीं है, तो उच्च अंक प्राप्त करने वाले आरक्षित उम्मीदवार अनारक्षित सीटों पर विचार के लिए योग्य हो सकते हैं। लेकिन यदि 1998 के ऑफिस मेमोरैंडम जैसे नियमों में स्पष्ट embargo (प्रतिबंध) है, तो आयु छूट या फीस रियायत लेने वाले उम्मीदवारों को अनारक्षित पदों पर नहीं माना जा सकता। अदालत ने 2010 के जितेंद्र कुमार सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले को अलग बताते हुए कहा कि फैसलों को संदर्भ के आधार पर ही लागू किया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि 1998 का डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) का मेमोरैंडम स्पष्ट रूप से कहता है कि आयु छूट, अनुभव या परीक्षा प्रयासों में रियायत लेने वाले एससी/एसटी/ओबीसी उम्मीदवार अनारक्षित रिक्तियों के लिए विचार योग्य नहीं होंगे। वहीं, उम्मीदवारों की ओर से तर्क था कि आयु छूट मात्र आरक्षण की सहायता है और यह मेरिट-आधारित चयन में बाधा नहीं डालनी चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए केंद्र के पक्ष में निर्णय दिया।
फैसले के प्रभाव
यह फैसला एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल भर्ती सहित अन्य सरकारी नौकरियों में आरक्षण नीतियों को मजबूत करेगा। अब आरक्षित उम्मीदवारों को आवेदन के समय सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि रियायत लेने से वे अनारक्षित सीटों से वंचित हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे मेरिट और आरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी, लेकिन कुछ उम्मीदवारों के लिए अवसर सीमित हो सकते हैं। केंद्र सरकार ने इस फैसले का स्वागत किया है, जबकि प्रभावित उम्मीदवारों के लिए आगे की कानूनी राह मुश्किल हो सकती है।

