Supreme Court: नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में हिंसा के बाद आरोपितों के घरों को ढहाए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। बहराइच हिंसा के तीन आरोपितों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया गया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी के आरोपित होने भर से उसके घर पर बुलडोजर नहीं चलाया जा सकता है। याचिका में कहा गया है कि बहराइच के पीडब्ल्यूडी विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर ने 18 अक्टूबर को महाराजगंज और महसी इलाके में 23 घरों और दुकानों पर 17 अक्टूबर की अंकित तिथि का नोटिस चिपकाया। जिन घरों और दुकानदारों के यहां नोटिस चिपकाया गया है वे 10 से 70 सालों से रह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बचने के लिए नोटिस में यूपी सरकार उनके घरों और दुकानदारों को अनधिकृत निर्माण कह रहा है। नोटिस पर तीन दिनों के कम समय में जवाब देने को कहा गया है वर्ना कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
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याचिका में स्थानीय विधायक के बयान का हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया था कि प्रशासन ने मुख्य आरोपित अब्दुल हमीद के अनधिकृत रूप से निर्मित घर पर डिमोलिशन का नोटिस चिपकाया है। बयान में कहा गया था कि आगे की कार्रवाई भी जल्द ही होगी। याचिका में कहा गया है कि यूपी सरकार पिक एंड चूज के आधार पर काम कर रही है। इस डर की वजह से कई निवासी और दुकानदार इलाका छोड़कर भाग गए हैं।
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