सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार, आप ने दायर की यूपी में प्राथमिक स्कूलों को बंद के खिलाफ याचिका, जानिए पूरा मामला

Supreme Court News: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 105 सरकारी प्राथमिक स्कूलों को बंद करने और उन्हें नजदीकी स्कूलों में विलय करने के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इन्कार कर दिया है। इस फैसले को आज यानी सोमवार को न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह की पीठ ने सुनाया। स्कूलों के बंद करने को लेकर सभी पार्टी विरोध कर रही है।

संजय सिंह ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार के 16 जून 2025 के आदेश और 24 जून 2025 को जारी स्कूलों की विलय सूची को चुनौती दी थी। उन्होंने इस फैसले को “मनमाना, असंवैधानिक और बच्चों के मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (RTE Act, 2009) का उल्लंघन” करार दिया था। याचिका में दावा किया गया था कि यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 21ए के तहत बच्चों के शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन करता है, विशेष रूप से ग्रामीण और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के बच्चों के लिए, जिन्हें अब स्कूल जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।
यूपी सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि जिन स्कूलों में नामांकन शून्य या बहुत कम था, उन्हें संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए नजदीकी स्कूलों में विलय किया गया है। सरकार ने इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप बताया था। हालांकि, संजय सिंह ने तर्क दिया था कि यह नीति बिना सार्वजनिक परामर्श और स्कूल प्रबंधन समितियों की सहमति के लागू की गई, जो RTE नियमों का उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को नीतिगत निर्णय मानते हुए याचिका पर सुनवाई से इन्कार कर दिया। इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने भी 7 जुलाई 2025 को इस फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इस मामले ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा के अधिकार को लेकर व्यापक बहस छेड़ दी है। AAP और अन्य विपक्षी दलों ने इस फैसले को गरीब और वंचित बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है। संजय सिंह ने कहा, “हम शिक्षा के अधिकार की लड़ाई को जारी रखेंगे और बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।” इस बीच, यूपी सरकार का कहना है कि स्कूलों के विलय से शिक्षकों और संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।

 

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