स्वतंत्र जांच की मांग
पायलट के पिता ने हादसे की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से जवाब मांगा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पायलट को दोषी ठहराने का कोई आधार नहीं है और प्रारंभिक जांच में भी उनके खिलाफ कोई संकेत नहीं मिला है।
हादसे का विवरण
गौरतलब है कि 12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 (बोइंग 787 ड्रीमलाइनर) दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद विमान रिहायशी इलाके में जा गिरा था। इस हादसे में चालक दल के दोनों पायलट सहित 241 यात्री मारे गए थे, जबकि एक यात्री गंभीर रूप से घायल होकर बच गया।
जांच की स्थिति
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट त्रुटि की कोई बात सामने नहीं आई है। रिपोर्ट में इंजन फेलियर, हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी और मेंटेनेंस में लापरवाही की ओर इशारा किया गया है। ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर) की जांच जारी है।
कोर्ट का आश्वासन
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पायलट के पिता को संबोधित करते हुए कहा, “पायलट को दोषी नहीं ठहराया जा रहा। आप यह बोझ अपने मन से हटा दें।” कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले में पारदर्शी और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
परिवार की मांग
पायलट के पिता ने कोर्ट में कहा था कि उनके बेटे को गलत तरीके से दोषी ठहराया जा रहा है, जिससे परिवार पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने मांग की है कि हादसे की जांच किसी स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से कराई जाए।
आगे की कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और DGCA को चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई दिसंबर के पहले हफ्ते में होगी।

