Supreme Court Collegium Recommendation: जस्टिस रेवती मोहिते डेरे मेघालय हाईकोर्ट की बन सकती हैं पहली महिला चीफ जस्टिस

Supreme Court Collegium Recommendation: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट की वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस रेवती पी मोहिते डेरे को मेघालय हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है। यह सिफारिश 18 दिसंबर को हुई कॉलेजियम की बैठक में की गई, जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्या कांत कर रहे थे। यदि यह नियुक्ति हो जाती है, तो जस्टिस डेरे मेघालय हाईकोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी।

वर्तमान में मेघालय हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सौमेन सेन को केरल हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई है, जिसके बाद यह पद रिक्त होगा। जस्टिस डेरे बॉम्बे हाईकोर्ट में दूसरी सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और उन्होंने अब तक किसी अन्य हाईकोर्ट में ट्रांसफर नहीं लिया है।

कौन हैं जस्टिस रेवती पी मोहिते डेरे?
जस्टिस डेरे का जन्म 17 अप्रैल 1965 को पुणे में हुआ था। उन्होंने पुणे के सिम्बायोसिस लॉ कॉलेज से एलएलबी किया और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से एलएलएम की डिग्री हासिल की, जहां उन्हें कैम्ब्रिज कॉमनवेल्थ ट्रस्ट स्कॉलरशिप मिली थी।
वकालत की शुरुआत अपने पिता सीनियर एडवोकेट विजयराव ए मोहिते के चैंबर से की। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट में क्रिमिनल, सिविल और संवैधानिक मामलों में प्रैक्टिस की। महाराष्ट्र सरकार के लिए पब्लिक प्रॉसिक्यूटर भी रहीं। जून 2013 में बॉम्बे हाईकोर्ट की अतिरिक्त न्यायाधीश बनीं और मार्च 2016 में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुईं।

उनके प्रमुख फैसले
जस्टिस डेरे ने कई महत्वपूर्ण और प्रगतिशील फैसले दिए हैं, खासकर महिलाओं के अधिकारों, पुलिस जवाबदेही और मानवाधिकारों से जुड़े मामलों में:
• हाजी अली दरगाह मामला (2016): महिलाओं को दरगाह के भीतरी गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी, इसे असंवैधानिक प्रतिबंध बताते हुए।
• कस्टोडियल डेथ्स पर सख्ती (2015): हिरासत में मौतों के मामलों में पुलिसकर्मियों की जांच और सस्पेंशन के निर्देश दिए।
• 14 साल की रेप पीड़िता को गर्भपात की इजाजत (2019): मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के 20 हफ्ते की सीमा से छूट देते हुए गर्भपात की अनुमति दी।
• जेलों में बच्चों की स्थिति: मांओं के साथ हिरासत में रखे बच्चों की हालात की न्यायिक जांच का नेतृत्व किया।
• गरीब मरीजों के अस्पताल बिलों के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड के इस्तेमाल की सिफारिश।
इसके अलावा, उन्होंने पुलिस की गलत जांच और फर्जी एनकाउंटर मामलों में सख्त टिप्पणियां की हैं।

कॉलेजियम ने इसी बैठक में अन्य हाईकोर्ट्स के लिए भी चीफ जस्टिस की सिफारिशें की हैं, जैसे इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता को उत्तराखंड, बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एमएस सोनक को झारखंड आदि। ये सिफारिशें केंद्र सरकार को भेजी जाएंगी और मंजूरी के बाद नियुक्तियां प्रभावी होंगी।

जस्टिस डेरे की यह संभावित नियुक्ति न्यायपालिका में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का प्रतीक है।

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