सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बिलकिस बानो मामले के दोषियों को फिर से जेल में डालने का आदेश दिया था। इसके बाद में दोषियों ने आत्मसमर्पण को अतरिक्त समय मांगा था। इस पर कोर्ट ने कहा कि दोषियों के द्वारा बताए गए कारणों में कोई दम नहीं है। बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। बता दें कि अदालत ने उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें दोषियों ने आत्मसमर्पण करने की समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी। दोषियों द्वारा आत्मसमर्पण करने का समय 21 जनवरी को समाप्त हो रहा है।
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि दोषियों ने जो कारण बताए हैं, उनमें कोई दम नहीं है। पीठ ने आगे कहा, हमने सभी के तर्कों को सुना। आवेदकों द्वारा आत्मसमर्पण को स्थगित करने और वापस जेल में रिपोर्ट करने के लिए दिए गए कारणों में कोई खास दम नहीं है। इसलिए अर्जियां खारिज की जाती हैं। दरअसल, बिलकिस बानो केस के पांच दोषियों ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय से आत्मसमर्पण करने के लिए और समय मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में गुजरात सरकार द्वारा सजा में दी गई छूट को रद्द कर दिया था। मालूम हो कि साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।