Supreme Court: नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार झारखंड की निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ये एक असाधारण मामला है और इसमें जमानत नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष के 17 गवाहों में से 12 का परीक्षण हो चुका है। ऐसे में इस मामले का ट्रायल जल्द खत्म होने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को जमानत के लिए कुछ दिन और इंतजार करना चाहिए। अगर ट्रायल में देरी होती है तो वे दोबारा सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर सकते हैं।
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पूजा सिंघल की जमानत का ईडी का विरोध करते हुए कहा था कि सिंघल ने मनी लॉड्रिंग मामले में हिरासत के दौरान जेल के बाहर ही अधिकतर समय गुजारा है। कोर्ट ने पूजा सिंघल को 03 जनवरी 2023 को बेटी की बीमारी की वजह से एक महीने की अंतरिम जमानत दी थी। 04 फरवरी 2023 को वो फिर जेल चली गई। बाद में कोर्ट ने 10 फरवरी 2023 को पूजा सिंघल को दो महीने की अंतरिम जमानत दी थी। सिंघल झारखंड की खान विभाग की सचिव थी। पूजा सिंघल 11 मई 2022 से उनसे जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी के बाद से हिरासत में हैं। ईडी ने कथित अवैध खनन से जुड़े 36 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की है। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने पूजा सिंघल समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर दिया है।
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