हालांकि, डॉ. मुजम्मिल के परिवार ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पुलवामा के सांबूरा गांव में रहने वाले परिवार ने दावा किया है कि मुजम्मिल निर्दोष है और यह सब फर्जी फंसाया गया है। परिवार के सदस्यों ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है।
परिवार का दर्द: ‘हमसे मिलने नहीं दे रहे, बेटा निर्दोष है’
डॉ. मुजम्मिल की मां नसीमा बेगम ने आंसुओं के बीच कहा, “वे कह रहे हैं कि मेरा बेटा दिल्ली धमाके का संदिग्ध है। मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता। मैं बस चाहती हूं कि मेरे दोनों बेटों को रिहा कर दिया जाए।” नसीमा ने बताया कि मुजम्मिल पिछले तीन साल से दिल्ली में डॉक्टर के रूप में काम कर रहा था और साल में दो बार ही घर आता था। वह अविवाहित है और परिवार पर कोई आपराधिक केस कभी नहीं चला।
उनके भाई आजाद शकील ने एक मीडिया चैनल को दिए बयान में कहा, “सबको लग रहा है कि वह बड़ा आतंकी है, लेकिन हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। पिछले 50 सालों में हमारे परिवार पर कोई केस नहीं दर्ज हुआ। हम दिल से भारतीय हैं—हमने तो भारत के लिए पत्थरबाजी तक झेली है। वह अच्छा इंसान था। पुलिस हमें मिलने नहीं दे रही। मेरी बहन की शादी होनी थी, जिसमें वह आना था, लेकिन अब वह रद्द हो गई।” आजाद ने यह भी बताया कि मुजम्मिल जून में पिता के ऑपरेशन के लिए आखिरी बार घर आया था।
परिवार के अनुसार, मुजम्मिल अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में पढ़ा रहा था। वे दावा कर रहे हैं कि विस्फोटक सामग्री की बरामदगी उनके किराए के कमरे से हुई, लेकिन इसका मुजम्मिल से कोई संबंध नहीं है। परिवार ने कहा कि यह सब राजनीतिक साजिश का हिस्सा लगता है।
आत्मघाती हमला या घबराहट में विस्फोट?
दिल्ली पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने बताया कि धमाका एक ह्यूंडई i20 कार से हुआ, जिसे डॉ. उमर मोहम्मद चला रहा था। सीसीटीवी फुटेज में मुखौटा पहने उमर को कार पार्क करते देखा गया, जो करीब तीन घंटे तक वहां खड़ी रही। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह ‘फिदायीन’ यानी आत्मघाती हमला था, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि उमर ने मुजम्मिल और आदिल की गिरफ्तारी की खबर सुनकर घबराहट में विस्फोट कर दिया।
पुलिस ने उमर के परिवार को भी हिरासत में लिया है। उनकी मां और दो भाइयों से डीएनए सैंपल लिए गए हैं, जो धमाके स्थल से मिले अवशेषों से मैच करने के लिए हैं। उमर के चाची ने एक न्यूज चैनल को बताया, “उमर तीन साल पहले दिल्ली गया था और सितंबर में पुलवामा आया था। हमें उसके दिल्ली धमाके से कोई लेना-देना नहीं। आदिल और मुजम्मिल को भी हम नहीं जानते।”
इसके अलावा, डॉ. शाहीना शाहिद नाम की एक महिला डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनकी कार से राइफल और कारतूस बरामद हुए। कुल मिलाकर, चार संदिग्ध हिरासत में हैं और पूछताछ जारी है। एनआईए और एनएसजी की टीमें भी जांच में जुड़ गई हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मामले की जानकारी दी गई है, जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा उपायों की समीक्षा की। पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे “चिंताजनक” बताते हुए तत्काल जांच की मांग की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चेतावनी दी है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने पहाड़गंज , दरियागंज जैसे इलाकों में होटलों की तलाशी ली और 13 अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। धमाके के पीछे जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
यह घटना दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा के लिहाज से गंभीर सवाल खड़ी कर रही है। परिवार की मांग के बीच जांच तेज हो गई है, और निर्दोष साबित होने पर मुजम्मिल की रिहाई संभव हो सकती है। आगे की अपडेट्स के लिए बने रहें।

