Delhi High Court Judges: जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस वी कामेश्वर राव ने बीते दिन यानी बृहस्पतिवार को दिल्ली हाईकोर्ट को अलविदा कह दिया। केंद्र सरकार की और से बुधवार को जस्टिस सचदेवा को मध्यप्रदेश हाईकार्ट और जस्टिस राव को कर्नाटक हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी की थी। जस्टिस सचदेवा ने विदाई भाषण की शुरुआत ईश्वर को यह सम्मान देने और उन्हें न्यायाधीश का पद संभालने के योग्य मानने के लिए धन्यवाद देते हुए की।
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इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा माना है कि ईश्वर न्याय करने के लिए प्राणियों का उपयोग करता है। हम कभी भी इस पद के योग्य पैदा नहीं होते हैं, लेकिन वह हमें इस पद पर रखने के लिए चुनता है। वह किसी को भी चुन सकता है और उसे अपना काम करने के योग्य बना सकता है। मुझे उम्मीद है कि मैं अपना कर्तव्य वैसे ही निभा पाया हूं, जैसा वह मुझसे चाहते थे। दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन दुनिया की सबसे बेहतरीन बार एसोसिएशनों में से एक है। हाईकोर्ट न केवल देश, बल्कि दुनिया भर में डिजिटलीकरण में आगे रहा है। जब लॉकडाउन हुआ और सभी अदालतें बंद थीं, तो दिल्ली हाईकोर्ट ही दुनिया का एकमात्र कोर्ट था जो अपना कार्य कर रहा था।
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वहीं, जस्टिस राव ने परिवार के सदस्यों और बुजुर्गों को उनके मार्गदर्शन व यात्रा में समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि अदालत में मौजूद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एके सीकरी को भी धन्यवाद दिया। सीकरी के साथ उन्होंने कानूनी पेशे में शामिल होने के बाद पहली नौकरी शुरू की थी। राव ने कहा कि मैं हमेशा अदालत में काम प्रार्थना और गीता को छूकर शुरू करता हूं, जिसे मैंने अपने कक्ष में इस इरादे से रखा है कि मुझे सही क्या है, इसका फैसला करना चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट न्याय प्रदान करने में सबसे आगे है, जिसमें हर क्षेत्राधिकार में कानून का विकास शामिल है। प्रभावी सहायता देने के लिए बार के सदस्यों को श्रेय दिया जाना चाहिए और साथ ही, जिन न्यायाधीशों को आप पास बैठे हुए देख रहे हैं, वे देश के सबसे बेहतरीन न्यायाधीश हैं, जिन्होंने समाज की सेवा के लिए अपनी विशाल और सफल प्रैक्टिस छोड़ दी है। मेरा दृढ़ मत है कि बार के सदस्य सबसे अच्छे शिक्षक हैं।