पीलिया प्रकोप पर छात्रों का उग्र प्रदर्शन, जलाए वाहन, फुका चांसलर का बंगला

VIT University Bhopal Campus News: मध्य प्रदेश के सिहोर जिले में स्थित VIT विश्वविद्यालय भोपाल कैंपस में मंगलवार रात छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। छात्रों ने कैंपस में पीलिया (जॉन्डिस) के फैलने का आरोप लगाते हुए प्रशासन की लापरवाही पर गुस्सा जाहिर किया। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और चांसलर के बंगले को नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया और विश्वविद्यालय को 30 नवंबर तक बंद घोषित कर दिया है।

स्थानीय पुलिस सूत्रों के अनुसार, हाल के हफ्तों में करीब दो दर्जन छात्र पीलिया के लक्षणों से बीमार पड़े हैं। छात्रों का आरोप है कि कैंपस में अस्वास्थ्यकर स्थिति, दूषित पानी और खराब गुणवत्ता वाले भोजन के कारण यह बीमारी फैली है। एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। होस्टल स्टाफ और गार्ड हमें धमकाते हैं और शिकायत करने पर मारपीट तक करते हैं। यह लापरवाही छात्रों की जान जोखिम में डाल रही है।”
प्रदर्शन मंगलवार शाम को शुरू हुआ, जब करीब 4,000 छात्र होस्टल और मुख्य द्वार पर इकट्ठा होकर प्रशासन के खिलाफ नारे लगाने लगे। स्थिति तब बेकाबू हो गई जब कुछ छात्रों ने वाहनों में आग लगा दी और विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। चांसलर के बंगले की खिड़कियां तोड़ी गईं और अन्य संपत्ति को क्षति पहुंचाई गई। सिहोर और आसपास के इलाकों से पुलिस टीमें मौके पर पहुंचीं और स्थिति पर काबू पाया।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीलिया से मौतों की अफवाहों को खारिज किया है। VIT के रजिस्ट्रार केके नायर ने कहा, “पीलिया से किसी छात्र की मौत नहीं हुई है। कुछ मामले जरूर आए हैं, लेकिन उन्हें उचित चिकित्सा दी गई। भोजन और पानी के सैंपल बार-बार जांचे गए हैं और वे स्वस्थ पाए गए हैं। ये आरोप निराधार और भ्रम फैलाने वाले हैं।” हालांकि, जिला अधिकारियों या विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

सिहोर के पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला ने बताया, “कैंपस में स्थिति अब सामान्य है। सुरक्षा के लिहाज से कॉलेज 30 नवंबर तक बंद रहेगा। कई छात्र अपने घरों को लौट चुके हैं। बीमार छात्रों की सूची तैयार की जा रही है और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।” पुलिस ने बीमारी के कारणों, हमलों और संपत्ति क्षति की जांच शुरू कर दी है। आगे की कार्रवाई जांच के नतीजों पर निर्भर करेगी।

यह घटना निजी विश्वविद्यालयों में स्वास्थ्य और स्वच्छता मानकों पर सवाल खड़े करती है। छात्रों का कहना है कि वे मजबूरन बाहर से बोतलबंद पानी खरीद रहे हैं क्योंकि कैंपस का पानी सुरक्षित नहीं है। विपक्षी नेता जीतेंद्र पटवारी ने घटना की जांच की मांग की है और छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से लेने की अपील की है।

सूत्रों के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान कोई गंभीर चोट नहीं आई है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। विश्वविद्यालय प्रशासन से जल्द ही विस्तृत बयान की उम्मीद है।

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