कर्नाटक के मांड्या में गणपति विसर्जन के दौरान शोभा यात्रा पर पथराव, 8 घायल, धारा 144 लागू

Mandya/Ganpati immersion violence news: कर्नाटक के मांड्या जिले के मड्डूर कस्बे में रविवार रात (7 सितंबर 2025) को गणपति विसर्जन के दौरान निकाली गई शोभा यात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प की घटना सामने आई है। इस घटना में 8 लोग घायल हो गए, जिन्हें मड्डूर के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने हिंसा और पथराव के मामले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया है, और इलाके में तनाव को नियंत्रित करने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है।

घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, मड्डूर के सिद्धार्थ नगर 5वें क्रॉस से गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए शोभा यात्रा निकाली गई थी। इस दौरान भारी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था मौजूद थी। रात करीब 8 बजे, जब शोभा यात्रा राम रहीम नगर के पास एक मस्जिद के नजदीक से गुजर रही थी, तभी कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा मस्जिद की ओर से शोभा यात्रा पर पत्थर फेंके गए। इसके जवाब में, दूसरे समूह ने मस्जिद पर पथराव किया, जिसके बाद दोनों समुदायों (हिंदू और मुस्लिम) के बीच तनाव बढ़ गया और हिंसक झड़प शुरू हो गई।
इस घटना ने मड्डूर कस्बे में तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी। दोनों समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। मांड्या के पुलिस अधीक्षक मल्लिकार्जुन बालदंडी ने घटनास्थल का दौरा किया और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया और पेटे बीढ़ी पर सभी दुकानों को बंद करने का आदेश दिया।

प्रोटेस्ट और धारा 144
घटना के अगले दिन, सोमवार (8 सितंबर 2025) को प्रो-हिंदू संगठनों ने मड्डूर में पथराव की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद के सामने विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फिर से हल्का लाठीचार्ज किया। तनाव को देखते हुए प्रशासन ने मड्डूर में धारा 163 (पूर्व में धारा 144) लागू कर दी, जो चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी है।
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा, “मड्डूर में पथराव की घटना हुई थी, जो अब नियंत्रण में है। पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है, और धारा 144 लागू की गई है।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि स्थिति को सामान्य करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

अन्य घटनाएँ
यह ध्यान देने योग्य है कि मांड्या जिले में यह कोई पहली घटना नहीं है। हाल ही में, 11 सितंबर 2025 को मांड्या के नागमंगला कस्बे में भी गणपति विसर्जन के दौरान पथराव की एक और घटना हुई थी, जिसमें 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उस घटना में भी पथराव के बाद दुकानों और वाहनों में आगजनी की गई थी, जिसके बाद धारा 144 लागू की गई थी।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उनके सहयोगी जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) ने सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर “तुष्टिकरण की राजनीति” का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री और मांड्या लोकसभा सांसद एचडी कुमारस्वामी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह कांग्रेस सरकार की नीतियों का परिणाम है। उन्होंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच की मांग की।

वर्तमान स्थिति
मांड्या पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए हैं और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। गणेश प्रतिमा को पुलिस की निगरानी में विसर्जित कर दिया गया है। प्रशासन ने दोनों समुदायों के नेताओं के साथ बैठक की और शांति बहाल करने की अपील की है। घायलों का इलाज मड्डूर के अस्पताल में चल रहा है, और पुलिस ने कहा है कि स्थिति अब नियंत्रण में है।

निष्कर्ष
यह घटना कर्नाटक में धार्मिक समारोहों के दौरान बढ़ते तनाव को एक बार फिर उजागर कर दिया है। गणपति विसर्जन जैसे पवित्र अवसरों पर ऐसी घटनाएँ न केवल सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करती हैं, बल्कि कानून-व्यवस्था की स्थिति को भी चुनौती देती हैं। प्रशासन और समुदायों के बीच संवाद के माध्यम से ऐसी घटनाओं को रोकने की जरूरत है ताकि भविष्य में शांति और सौहार्द सुनिश्चित किया जा सके।

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