Special News: यदि कभी आप या आपका कोई रिश्तेदार विदेश में नौकरी करने जाता है और गलत ऑफर लेटर या कमिटमेंट की वजह से वो फंस जाता है। वहाँ से कैसे निकले उस वक्त कुछ नजर नहीं आता है मगर ऐसे में रोशन रतूड़ी उनकी मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं। काम करते करते या किसी अन्य वजह से कोई भारतीय विदेश में जान गवां देता है उसके पार्थिव शरीर को भारत लाने में भी वे अहम भूमिका निभाते है।
जानिए कौन है रोशन रतूड़ी
दरअसल, रोशन रतूड़ी दुबई में व्यवसाय के साथ समाजसेवा के क्षेत्र में काम करते है। रोशन रतूड़ी अपनी मानवता सेवा के कार्य से जाने जाते है, अभी स्वदेश भारत उत्तराखंड मेला महाकौथिग नोएडा में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, रोशन रतूड़ी कई अन्य देश में जो श्रमिक किसी कारण फस जाते है उनकी किसी भी देश और किसी भी मजहब को एक मानवता की नजर से देख कर उनकी सहायता करता है,इसलिए उनकी फेस वैल्यू दुनिया के तमाम लोग स्नेह से देखते है। रोशन रतूड़ी उत्तराखंड के हिंडोलाखाल टिहरी गढ़वाल के मूल निवासी है और वर्ष 1980 में इनके माता पिता जी देहरादून में अपने व्यवसाय हेतु देहरादून में सटल हो गए थे।
रोशन रतूड़ी एक बाल ब्रह्मचारी है उन्होंने अपने जीवन में शादी नहीं करने का निर्णय लिया है क्यूंकि परिवार होने के कारण लोगो की सेवा नहीं कर पाते इसलिए उन्होंने अपना जीवन मानव की सेवा को समर्पित किया है ।
26 हजार से अधिक लोगो को पहुंचाई मदद
बता दें कि रोशन रतूड़ी ने अभी तक 22 वर्ष में 26 हजार से अधिक लोगो को अन्य बाहर के अलग अलग देशों से छुटकारा दिलाया। जैसे की दलालों और होटल मालिको के श्रमिक शोषण, उनका पासपोर्ट बंधी बनाना, किसी की तबीयत बिगड़ने पर उनको उपचार कराना या जिनका कई वर्षों से लापता है। किसी कारण वीजा खत्म होने पर झेल में बंधी व्यक्तियों को फाइन देकर उनको अपने स्वदेश लौटने की मदद करना, कई डेढ़ बॉडी को उनके वतन भेजना और उसका पूरा खर्चा स्वयं की जेब से करना, जैसे कई मानवता सेवा उनके नाम से जाना जाता है ।
रोशन रतूड़ी गैर राजनीतिक व्यक्ति है और वह सत्य की राह पर चलने वाले व्यक्ति की पहचान दिलाता है । किसी भी तरह की निःसंकोच दबी हुई आवाज को बुलंद करने में उनका कार्य पूरा करने तक तत्पर रहता है।
रोशन रतूड़ी का कहना है कि मेरी आवाज जानता का प्यार है जानता की ताकत मुझे पूर्ण रूप से बेमिसाल शक्ति प्रदान करता है। सच्ची राह,सच्ची लगन को ईश्वर सत्यता का साथ सदैव आश्रीवाद देता हैं।