कंपोजिट स्कूल में खराब मिड-डे मील का आरोप, अभिभावकों ने किया हंगामा, शिक्षा विभाग जांच में जुटा

Sonbhadra Mid-Day Meal News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के एक कंपोजिट स्कूल में मिड-डे मील (MDM) योजना के तहत बच्चों को खराब और सड़ा हुआ भोजन परोसे जाने का गंभीर आरोप सामने आया है। स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्कूल में जमकर हंगामा भी किया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, स्कूल में बच्चों को दिए जा रहे भोजन में आटे और चावल में कीड़े पाए गए, जबकि केले पूरी तरह से सड़ गए थे। अभिभावकों ने बताया कि बच्चों ने जब इसकी शिकायत घर पर की, तो गुस्साए माता-पिता और ग्रामीण स्कूल पहुंच गए। वहां स्कूल स्टाफ के साथ उनकी घंटों बहस हुई। अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। एक अभिभावक ने कहा, “हम अपने बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजते हैं, लेकिन अगर उन्हें सड़ा हुआ खाना खिलाया जाएगा, तो उनकी सेहत का क्या होगा?”
इसके अलावा, अभिभावकों ने स्कूल की जर्जर इमारत को लेकर भी चिंता जताई। उनका कहना है कि स्कूल की बिल्डिंग इतनी जर्जर है कि बच्चों की सुरक्षा को खतरा है। दीवारों में दरारें और छत से पानी टपकने की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।
वायरल वीडियो में स्कूल परिसर में गुस्साए अभिभावकों और ग्रामीणों की भीड़ दिखाई दे रही है, जो स्कूल प्रशासन से जवाब मांग रही है। वीडियो के सोशल मीडिया पर फैलने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और मामले की जांच के आदेश दिए गए। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना सोनभद्र में मिड-डे मील योजना की बदहाली को उजागर करती है। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के कई जिलों, जैसे फर्रुखाबाद और विदिशा, में खराब भोजन की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मिड-डे मील योजना के तहत भोजन की गुणवत्ता और स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि बच्चों की सेहत और शिक्षा पर कोई असर न पड़े।
अभिभावकों ने मांग की है कि स्कूल में भोजन की गुणवत्ता की नियमित जांच हो और जर्जर इमारत की मरम्मत के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। शिक्षा विभाग ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजओ की खामियों और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर दिया है। अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग इस मामले में कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है।

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