Smog wreaks havoc in Noida and Greater Noida: AQI ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंचा, जनता परेशान- ‘सांस लेना मुश्किल, बाहर निकलना बंद’

Smog wreaks havoc in Noida and Greater Noida: दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सर्दी के मौसम के साथ ही प्रदूषण का ग्राफ फिर से चरम पर पहुंच गया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया है, जिससे आम जनता की जिंदगी प्रभावित हो रही है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने भारी स्मॉग के कारण यात्रियों को एयरलाइंस से संपर्क करने की सलाह जारी की है, जबकि पड़ोसी नोएडा-ग्रेटर नोएडा में भी धुंध की चादर छाई हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, नोएडा का औसत AQI 386 तक पहुंच गया है, जो कल के 322 से काफी अधिक है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में यह 373 पर पहुंचा, जो ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ की ओर इशारा कर रहा है।

नोएडा के सेक्टर 116 में AQI 400 के पार चला गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी का उच्चतम स्तर है। सेक्टर 125 में 371, सेक्टर 62 में 314 और सेक्टर 1 में 355 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-3 में 312 और नॉलेज पार्क-5 में 373 का आंकड़ा सामने आया। विशेषज्ञों का कहना है कि कम हवा की गति और ठंडे मौसम के कारण प्रदूषक तत्व जमीन के करीब फंस गए हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ रही है। भारत मौसम विभाग (IMD) ने मध्यम कोहरा जारी रहने की चेतावनी दी है, जो अगले कुछ दिनों तक राहत की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ता।

आम जनता की फरियाद
प्रदूषण के इस जाल में फंसी जनता की परेशानी बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया पर लोग अपनी व्यथा बयां कर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जिससे आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होती है। इसकी वजह से अब कम लोग सुबह की सैर के लिए बाहर जा रहे हैं।” नोएडा के सेक्टर 125 में रहने वाले एक निवासी ने ट्वीट किया, “फिर बढ़ा प्रदूषण का खतरा, AQI 360 पहुंचा। सेक्टर 116 में 400! बाहर निकलना नामुमकिन हो गया है।” ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर इलाके से एक यूजर ने शिकायत की, “फुटपाथ पर धूल जमा हो रही है, सड़कों पर धूल उड़ रही है। इतनी धूल कहीं और नहीं मिलेगी। प्राधिकरण सो रहा है?”

कई लोगों ने स्वास्थ्य प्रभावों पर चिंता जताई। एक ट्वीट में कहा गया, “हर साल प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। बच्चों के फेफड़े क्षतिग्रस्त हो रहे हैं, कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। सरकार को एक्शन प्लान बनाना चाहिए।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “AQI 50 से ज्यादा होना ही हानिकारक है। 400 के बाद भयावह! नवजातों के फेफड़े जल रहे हैं, ये कोई उपलब्धि नहीं है। साल दर साल कारकों पर क्या किया?” ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक क्षेत्रों के पास रहने वाले लोगों ने धूल और जहरीली हवा से बीमारियों की शिकायत की, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में खांसी-दमा के मामले बढ़ने की बात कही।

दिल्ली का असर
दिल्ली का AQI 410 के ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंचा, जहां हवाई अड्डे पर लो विजिबिलिटी प्रक्रियाएं चल रही हैं। इसका सीधा असर नोएडा-ग्रेटर नोएडा पर पड़ रहा है, जहां IQAir के अनुसार स्थिति ‘हैजर्डस’ बताई जा रही है। अमर उजाला की रिपोर्ट में कहा गया कि स्मॉग की चादर फिर से दिल्ली को घेर रही है, और एनसीआर में नोएडा सबसे प्रदूषित शहर बन गया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लंबे समय तक इस प्रदूषण में रहने से श्वसन रोग, हृदय समस्याएं और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

क्या करें आम नागरिक?
अधिकारियों ने सलाह दी है कि बाहरी गतिविधियां कम करें, मास्क पहनें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। स्कूलों में आउटडोर खेल बंद करने और वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा देने की अपील की गई है। राजनीतिक हलकों से भी आवाजें उठ रही हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद में कहा, “ये नेशनल इमरजेंसी है। सभी पार्टियां मिलकर चर्चा करें, बच्चों का भविष्य दांव पर है।” अखिलेश यादव ने इसे ‘राष्ट्रीय संकट’ बताते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की।

प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है- जैसे सार्वजनिक परिवहन मजबूत करना, उद्योगों पर सख्ती और हरित ऊर्जा को बढ़ावा। वरना, ये सर्दी का स्मॉग एनसीआर के लिए और घातक साबित होगा। जनता की आवाज अब अनसुनी नहीं रहनी चाहिए।

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