उत्तरकांशी की सिलक्यारा टनल (Silkyara Tunnel Uttarkanshi) से मजदूरों को निकालने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है। आज सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मौके पर पहुंच जायजा लिया। बताया गया है कि आज रात मजदूरों को रात टनल में ही बितानी होगी। इरअसल लोहे का अवरोध आने से ऑगर मशीन लक्ष्य से नौ मीटर पहले रुक गई है। इसके बाद बाधओं को काटकर हटाने का काम तो शुरू हुआ लेकिन इस बात पर भी विचार शुरू हो गया कि क्यों ने फंसे मजदूरों से ही अंदर की तरफ से नौ मीटर मलबा हटवा दिया जाए।
इस बार भूस्खलन के मलबे में 25 मिमी की सरिया व लोहे के पाइप ड्रिलिंग में बाधा बने हैं। ऑगर मशीन के आगे आई बाधाओं को हटाने का कार्य शुरू किया जा रहा है। इसमें 8-9 घंटे का समय लगता है। बरमा निकाल कर आगे आई बाधाओं को एक टीम पाइप में घुसकर गैस कटर से काट रही है।
सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ड्रिलिंग कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन के सामने फिर बाधा आ गई। आज साढ़े चार बजे मशीन से करीब 24 घंटे बाद फिर ड्रिलिंग शुरू की गई थी, लेकिन फिर ऑगर के आगे सरिया व लोहे के पाइप आ गए हैं। एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि मशीन के आगे बार-बार लोहे की चीजें आने से ड्रिलिंग का कार्य प्रभावित हो रहा है। बताया कि अभी 47 मीटर तक ड्रिलिंग हुई है। करीब दस मीटर तक और ड्रिलिंग होना शेष है।
ऑगर मशीन का बेस ठीक होन के बाद देर शाम फिर से ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है। हालांकि ड्रिल मशीन अभी धीमी रफ्तार से चल रही है। बताया जा रहा है कि अभी भी कुछ अड़चनें आ रहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक रात तक सफलता मिलने की उम्मीद है। अब एनडीआरएफ ने मीडिया से भी कहा गया है कि वो मजदूरों को बाहर निकालने को लेकर समय सीमा पर कयास न लगाए।