बच्चों के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट के चौकाने  वाले आकड़े
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बच्चों के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट के चौकाने वाले आकड़े

नोएडा। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो एनसीआरबी की तरफ से जारी किए गए ताजा आकंड़े गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट के लिए चौकाने वाले है। आकड़ों मुताबिक, कमिश्नरेट में कुल अपराधों में कमी आई है लेकिन महिला व बच्चों के साथ क्राइम में वृद्धि दर्ज की गई है। नोएडा कमिश्नरेट में बच्चों के साथ हुए अपराध में वर्ष 2022 में 2021 की तुलना में 55 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट में बच्चों के साथ अपराध में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021 में बच्चों के साथ अपराध के 93 मामले सामने आए थे, जबकि वर्ष 2022 में 145 मामले दर्ज किए गए। इस तरह इस श्रेणी के अपराध में करीब 55 फीसदी की वृद्धि हुई है।

 

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एनसीआरबी की तरफ से जारी किए गए आकंड़े को देखे तो कमिश्नरेट में कुल अपराधों में कमी आई है लेकिन महिला व बच्चों के साथ अपराध में वृद्धि दर्ज की गई है। नोएडा कमिश्नरेट में बच्चों के साथ हुए अपराध में वर्ष 2022 में 2021 की तुलना में 55 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। वर्ष 2021 में बाल अपराध को लेकर जिले में 93 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें 10 हत्या, बच्चों की गुमशुदगी, लेकर भागने के 38, शादी के लिए किशोरी को लेकर जाने के नौ मामले शामिल थे। वहीं, वर्ष 2022 में बाल अपराध को लेकर 145 मामले सामने आए। इनमें हत्या के चार, बच्चों की गुमशुदगी, लेकर भागने के 93 और शादी के लिए किशोरी के अपहरण के 28 मामले शामिल हैं। इसके साथ ही बाल अपराध के अन्य कैटेग्री में भी कमी आई है।

हत्याओं में आई कमी
बाल क्राइम के अलग-अलग श्रेणी में अलग आंकड़े हैं। बाल हत्या के मामलों में वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में कमी आई है। वर्ष 2021 में बाल हत्या के दस मामले सामने आए हैं। वहीं, 2022 में हत्या के चार मामले आए। लेकिन गुमशुदगी जैसे मामलों में बढ़ोतरी हुई है।

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पॉक्सो एक्ट में तेज हुई कार्रवाई
स्लम इलाकों के बच्चों को अपराध में शामिल होने से रोकने के लिए पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से एक पहल की गई है। पुलिस नन्हे परिंदे नाम से एक अभियान चला रही है। इसमें स्लम इलाकों के बच्चों को पढ़ाया जाता है। वर्तमान में दो हजार से अधिक छात्र 15 से अधिक स्थानों पर पढ़ते हैं। इस स्कीम के पीछे मंशा है कि स्लम एरिया के बच्चों को शिक्षित कर मुख्य धारा में जोड़ा जाए।

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