Shatabdi Vihar Society: वैसे तो नोएडा प्राधिकरण हमेशा अपनी उपलब्धियों के लिए चर्चाओं में बना रहता है। लेकिन प्राधिकरण के ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिससे उसकी साख पर सीधे बट्टा लग रहा है। कई ऐसी कई शिकायतें सामने आई है जिससे प्रतीक होता है कि प्राधिकरण के लिए नियम हर व्यक्ति के लिए अलग है। ऐसा ही मामला सेक्टर 61 स्थित ई-15 शताब्दी विहार का है। यहाँ प्राधिकरण ने आपसी सहमति के आधार पर और फायर एनओसी लेने के बाद अलग अलग बिल्डिंग्स में लिफ्ट लगाने की अनुमति दी। लेकिन लिफ्ट लगा ली गई न तो बहुत ज्यादा लोगों से सहमति ली गई और ना ही फायर एनओसी। इस अपार्टमेंट में कर्ताधर्ता यानी आरडब्ल्यूए के लोगों पूरी मानमानी कर रहे है।
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देवेन्द्र डिमरी इसी सोसायटी में रहते हैं उनका कहना है कि बिना सहमति और बिना फायर एनओसी लिये सोसायटी की आरडब्ल्यूए ने अलग अलग बिल्डिंग्स में लिफ्ट लगा दी। इस संबंध में उन्होंने कई बार प्राधिकरण से शिकायत की लेकिन प्राधिकरण की कानों पर जूं तक ना रेंगी। श्री डिमरी एक वाकया और बताते हैं कहते हैं कि उन्होंने अपने फ्लैट में दरवाजा खोला था जिसकी शिकायत हुई तो उन्होंने तुरंत उसे बंद कर दिया। प्राधिकरण ने इस पर आपत्ति जताई थी। ऐसे में अब जब वो अपने घर से निकलते हैं तो लिफ्ट लगने के कारण उन्हें असुविधा हो रही है। इस बाबत उन्होंने प्राधिकरण से आरटीआई के जरिए अनुमति देने की जानकारी मांगी कि किस पत्र के आधार पर आपने अनुमति दी है तो प्राधिकरण की ओर से गोलमोल जवाब दिया गया।
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इतना ही नहीं जब अग्निशमन विभाग से उन्होंने सोसाइटी में एनओसी जारी करके संबंधित जानकारी मांगी तो उन्होंने आरटीआई में कहा कि इस तरह की कोई एनओसी जारी नहीं की गई है। उन्होंने प्राधिकरण के अफसरों को इस बात से अवगत कराया गया आरडब्ल्यूए के कुछ लोग प्राधिकरण अधिकारियों को भी गुमराह कर रहे हैं और अधिकारी भी गुमराह हो रहे हैं। देवेन्द्र डिमरी का कहना है कि इस संबंध में एडवोकेट हिमांशु डिमरी ने कई बार प्राधिकरण को पत्र भी लिखे हैं और आरटीआइ से जवाब भी मांगा है, लेकिन ऐसा ही लग रहा है कि प्राधिकरण के नियम हर व्यक्ति के लिए अलग है। जो सोसायटी में लिफ्ट लगाई गई है बिल्कुल मैनडोर के सामने है। जिसे घर के अंदर आना जाना काफी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि आग लगने जैसी स्थिति पर यह लोग बाहर नहीं निकल पाएंगे। जब इस संबंध में प्राधिकरण अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने केवल यही कहा कि यदि ऐसा हो रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। जो भी नियमानुसार है वही मान्य होगा।