Noida:नोएडा और आस पास के इलाकों में आज कल विद्युत विभाग की विजिलेंस टीम सक्रिय भूमिका निभा रही है। कहा जाता है कि बिजली चोरी के मामले पकड़ कर ये टीम विद्युत विभाग को हो रहे नुकसान की भरपाई कराने की कोशिश करती है। मगर जिस तरह से आज कल विजीलेंस टीम काम कर रही है वो कुछ और ही है।
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बताया जा रहा है कि विजिलेंस टीम पहले छापेमारी करती है। उसके बाद बिजली चोरी के मामले पकड़ने के बाद लोगों को ब्लैकमेल करती है, यानी सेक्टर 19 स्थित अपने दफ्तर बुलाती है और फिर उनसे मोलभाव शुरू हो जाता है। हालाँकि कोई ऐसे पुख्ता सबूत नहीं है। मगर बार बार आरोप लग रहे हैं। सांठगाठ करके मामलें को रफादफा कर दिया जाता है। जरूरत है कि विजीलेंस टीम की ही जाँच कराई जाए। ताकि सही तथ्यों का पता चल सके। कुछ लोग तो यहाँ तक कहते हैं कि लेन देन के दौरान विजीलेंस के सिपाही लोगों की जेब चेक करते हैं ताकि जेब में कोई कैमरा या मोबाइल ना रखा हो। जिससे रिकॉर्डिंग न हो जाए। बहरहाल अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ऐसे में सवाल यही है कि योगी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपना रही है लेकिन विजिलेंस टीम खुलकर उल्लघंन यानी भ्रष्टाचार कर रही है, तो क्या ये कहा जाए इन लोगों को उच्चाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।