नोएडा में बन रहा है दूसरा ओखला, फ्लैटों का निर्माण, प्राधिकरण पर भार

Illegal constructions In Noida: देश के सबसे आधुनिक शहरों में से एक, नोएडा के कई गांवों में अवैध निर्माणों का जाल तेजी से फैलता जा रहा है। नोटिफाइड एरिये में फ्लैटों का तेजी से निर्माण हो रहा है। अब ऐसा लगने लगा है कि नोएडा में दूसरा ओखला बनने वाला है। जिस प्रकार से ओखला में अनियोजित तरीके से जहां मन किया फ्लैट बना दिये वहीं हाल नोएडा के गांव सलारपुर, बरोला, हाजीपुर, सुलतानपुर पुस्ते के पास, भंगेल, नया गांव आदि में देखने को मिल रहा है।

नियमों को रख रहे ताक पर
बता दें कि गांवों में बिल्डर और कॉलोनाइजर बिना किसी अनुमति के, नियमों को ताक पर रखकर बहुमंजिला इमारतों और फ्लैटों का निर्माण कर रहे हैं। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो नोएडा दूसरा ओखला बन सकता है, जहां असुरक्षित इमारतों के ढहने से बड़े हादसे हो सकते हैं। यह स्थिति किसी भी शहर के लिए बेहद चिंताजनक है। नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन की लगातार कार्रवाई के बावजूद, इन गांवों में अवैध निर्माण बेखौफ जारी हैं। इन इमारतों में न तो निर्माण की गुणवत्ता का कोई ध्यान रखा जाता है, न ही सुरक्षा मानकों का। ऐसे में ये इमारतें कभी भी ढह सकती हैं, जिससे न सिर्फ जान-माल का भारी नुकसान होगा, बल्कि यहां रहने वाले लोगों का भविष्य भी खतरे में पड़ जाएगा।

जान-बूझकर खतरे को न्योता
अवैध निर्माणों के कारण पैदा होने वाले खतरे सिर्फ इमारतों के ढहने तक सीमित नहीं हैं। इन इमारतों में न तो आपातकालीन निकासी की कोई व्यवस्था होती है, न ही अग्निशमन के लिए पर्याप्त साधन। ऐसे में अगर आग लगने जैसी कोई घटना होती है, तो उसे नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो जाएगा। साथ ही, इन इलाकों में पानी, बिजली और सीवर जैसी मूलभूत सुविधाओं पर भी भारी बोझ पड़ता है, जिससे पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर चरमरा सकता है।

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प्राधिकरण की कार्रवाई
मालूम हो कि नोएडा प्राधिकरण समय-समय पर इन अवैध निर्माणों के खिलाफ अभियान चलाता रहता है, नोटिस जारी करता है और कई इमारतों को ध्वस्त भी करता है। लेकिन, ये कार्रवाई अक्सर दिखावटी साबित होती हैं। प्राधिकरण के अधिकारी कुछ इमारतों को नोटिस देते हैं, उन्हें सील करते हैं या बुलडोजर चलाते हैं, लेकिन उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। नतीजतन, ये बिल्डर फिर से काम शुरू कर देते हैं। कई मामलों में भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का अभाव भी देखने को मिलता है। सलारपुर और कुछ अन्य गांवों में 39 लोगों को भूमाफिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन क्या यह कार्रवाई काफी है? ग्राहकों की भी है जिम्मेदारी अवैध फ्लैट खरीदने वाले लोग भी इस खतरे में शामिल हैं। अक्सर कम कीमत और आकर्षक योजनाओं के लालच में लोग बिना किसी दस्तावेज की जाँच किए ऐसे फ्लैट खरीद लेते हैं। उन्हें यह समझना होगा कि ये अवैध निर्माण भविष्य में न सिर्फ उनकी गाढ़ी कमाई को डुबा सकते हैं, बल्कि उनके जीवन को भी खतरे में डाल सकते हैं। जब प्राधिकरण की कार्रवाई होती है, तो सबसे ज्यादा नुकसान इन्हीं खरीदारों को उठाना पड़ता है, क्योंकि उन्हें अपने फ्लैट से बेदखल होना पड़ता है।यह जरूरी है कि नोएडा प्राधिकरण अपनी कार्रवाई को और सख्त करे और केवल दिखावटी कार्रवाई न करे। साथ ही, आम लोगों को भी जागरूक होना होगा कि वे ऐसे असुरक्षित और अवैध फ्लैटों को खरीदने से बचें, ताकि भविष्य में होने वाले किसी भी बड़े हादसे को टाला जा सके। अगर इस समस्या पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो नोएडा के ये गांव एक दिन दूसरा ओखला बन जाएंगे।

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