SEBI News: सेबी ने वित्तीय सलाहकार को किया प्रतिबंधित, करोडो रुपये जब्त करने का आदेश

SEBI News: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वित्तीय सलाहकार अवधुत साठे और उनकी पत्नी गौरी अवधुत साठे को प्रतिभूति बाजार तक पहुंच से प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही, अवधुत साठे ट्रेडिंग अकादमी प्राइवेट लिमिटेड (एएसटीएपीएल) द्वारा किए गए अनधिकृत निवेश सलाह सेवाओं से प्राप्त 546 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को जब्त करने का आदेश जारी किया गया है। सेबी ने कुल 601.38 करोड़ रुपये के डिस्गॉर्जमेंट (अवैध लाभ की वसूली) का भी निर्देश दिया है, जिसमें सभी पाठ्यक्रमों से एकत्रित शुल्क शामिल हैं।

अवधुत साठे अपनी कंपनी एएसटीएपीएल के माध्यम से स्टॉक मार्केट शिक्षा के नाम पर अनधिकृत निवेश सलाह और रिसर्च एनालिस्ट सेवाएं प्रदान कर रहे थे। कंपनी ने लाइव मार्केट डेटा का उपयोग करते हुए व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए ट्रेड सिग्नल और सिफारिशें साझा कीं, जिसे चार्ट स्टडी के रूप में छिपाया गया। सेबी की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि कंपनी ने सोशल मीडिया पर भ्रामक विज्ञापनों और जानकारी के माध्यम से निवेशकों को आकर्षित किया, जिसमें अवास्तविक रिटर्न के दावे किए गए। केवल लाभदायक ट्रेड्स को प्रचारित कर गुमराह किया गया, जबकि असफल ट्रेड्स को छिपाया गया।

इस धोखाधड़ी का दायरा बेहद व्यापक रहा। एएसटीएपीएल ने लगभग 3.37 लाख निवेशकों से शिक्षा के नाम पर 600 करोड़ रुपये से अधिक शुल्क एकत्र किया। सेबी के अनुसार, अनधिकृत सलाह सेवाओं से प्राप्त अवैध लाभ 546 करोड़ रुपये का है। सेबी ने कहा, “प्रारंभिक जांच से पता चला कि एएसटीएपीएल/एएस ने स्टॉक मार्केट शिक्षा के बहाने लाइव मार्केट ट्रेडिंग डेटा का उपयोग करते हुए अनधिकृत निवेश सलाह और रिसर्च एनालिस्ट सेवाएं प्रदान कीं। इसके अलावा, सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक जानकारी प्रसारित कर निवेशकों को अवास्तविक रिटर्न दिखाकर लुभाया गया।”

सेबी के अंतरिम आदेश (दिनांक 4 दिसंबर 2025) में अवधुत साठे और उनकी पत्नी को बाजार से पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। कंपनी को निवेश सलाह संबंधी सामग्री प्रदान करने से तत्काल रोक लगाई गई है। सभी वेबसाइट्स, विज्ञापन, वीडियो, ब्रोशर और अन्य सामग्री हटा ली जानी चाहिए, जो अनधिकृत सेवाओं से जुड़ी हों। नोटिसियों को 7 कार्य दिवसों में अपनी संपत्तियों (चल-अचल), बैंक खाते, डीमैट अकाउंट, शेयर होल्डिंग और अन्य निवेशों का पूरा विवरण सेबी को देना होगा। मौजूदा प्रतिभागियों से कोई शुल्क नहीं लिया जा सकता। जब्त राशि के लिए 15 दिनों में फिक्स्ड डिपॉजिट खोलने का आदेश है, जिसमें सेबी का लियन रहेगा। बैंकों और डिपॉजिटरी को नोटिसियों के खातों से डेबिट की अनुमति नहीं, सिवाय जब्त राशि हस्तांतरित करने के।

सेबी के इस कदम से निवेशकों को अनधिकृत सलाहकारों से बचाने की दिशा में मजबूत संदेश मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। बोर्ड ने चेतावनी दी है कि ऐसे अवैध अभ्यास बाजार की अखंडता को खतरे में डालते हैं। जांच जारी है, और आगे की कार्यवाही के आधार पर स्थायी प्रतिबंध या अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है। निवेशक सलाहकार चुनते समय सेबी पंजीकरण की जांच करें।

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