St. Columba School News: राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट कोलंबा स्कूल (Ashok Place) में कक्षा 10 के 16 वर्षीय छात्र की कथित आत्महत्या के बाद गुरुवार को छात्रों और अभिभावकों ने स्कूल के बाहर ज़ोरदार प्रदर्शन किया। इस घटना से गुस्साए लोगों ने स्कूल प्रबंधन पर मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है।
मामला इतना तूल पकड़ गया कि दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (DoE) ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन शिक्षकों और हेडमिस्ट्रेस को निलंबित कर दिया है। साथ ही एक पांच सदस्यीय उच्च-स्तरीय जाँच समिति गठित की गई है, जिसे तीन दिन के अंदर व्यापक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
छात्र के पिता का दर्दनाक बयान
मृतक छात्र के पिता ने बताया कि उनका बेटा पिछले कई महीनों से स्कूल में मानसिक प्रताड़ना की शिकायत कर रहा था। उन्होंने हेडमिस्ट्रेस से इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पिता के अनुसार, मंगलवार को स्कूल में नाटक की रिहर्सल के दौरान उनका बेटा स्टेज पर फिसल कर गिर गया। इस पर एक शिक्षक ने कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की – “जितना रोना है रो लो, हमें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।” यह बात बच्चे को इतनी चुभी कि वह रोने लगा। हेडमिस्ट्रेस भी उस वक्त मौजूद थीं।
रिहर्सल खत्म होने के कुछ देर बाद दोपहर करीब 1:30 बजे राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन पर बच्चे का शव बरामद हुआ। अस्पताल ले जाए जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
छात्र के बैग से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ जिसमें उसने तीन शिक्षकों के नाम लिखकर उन्हें अपनी मौत का ज़िम्मेदार ठहराया था। इसके आधार पर दिल्ली पुलिस ने बुधवार को भादंस की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत FIR दर्ज की।
अभिभावकों का गुस्सा
प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों ने कहा, “स्कूल छोटी-छोटी बातों पर बच्चों को धमकी देता है, सस्पेंशन की धमकी देता है। इस उम्र के बच्चे बहुत संवेदनशील होते हैं, उन्हें सहानुभूति चाहिए, डराने-धमकाने की नहीं।”
मृतक के पिता ने पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना था कि FIR दर्ज करने में 5 घंटे लग गए, जिसके बाद मजबूरन शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना पड़ा।
स्कूल की ओर से तत्काल कार्रवाई
प्रिंसिपल रॉबर्ट फर्नांडिस ने जारी अधिसूचना में चारों निलंबित स्टाफ़ को परिसर में आने या किसी कर्मचारी/छात्र से संपर्क करने पर पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही उन्हें किसी भी सक्षम अधिकारियों के साथ सहयोग करने को कहा गया है।
शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि मामले की गहराई से जाँच होगी और दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
(मानसिक संकट में किसी को भी सहायता के लिए Tele MANAS हेल्पलाइन 14416 पर कॉल करें।)
यह घटना एक बार फिर स्कूलों में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षकों की संवेदनशीलता के मुद्दे को राष्ट्रीय चर्चा के केंद्र में ला खड़ा किया है।
यह भी पढ़ें: ट्रम्प पर आरोप लोकतंत्र के खिलाफ हमला,घिनौनी और खतरनाक धमकी

