यात्रा का तीसरा दिन दिल्ली के सड़कों पर भव्य स्वागत के साथ बीता। भारी भीड़ के बीच बाबा बागेश्वर ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा, “जो सनातनी नहीं, वह तनातनी…।” उन्होंने स्पष्ट शब्दों में जातिगत भेदभाव को हिंदू समाज की सबसे बड़ी कमजोरी बताते हुए अपील की, “जात-पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू भाई-भाई।” यह नारा यात्रा के दौरान बार-बार गूंजा, और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बाबा ने कहा कि यह पदयात्रा किसी को डराने या ताकत दिखाने के लिए नहीं, बल्कि हिंदू राष्ट्र निर्माण के लिए है। उन्होंने बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में हिंदुओं की दयनीय स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, “जहां मुसलमान बहुमत में हैं, वहां हिंदू अल्पसंख्यक बनकर सताए जाते हैं। हमारा देश हिंदू बहुल है, तो हिंदू राष्ट्र क्यों न बने?”
जाट समाज के शास्त्री, जो हरियाणा-उत्तर प्रदेश क्षेत्र में अपनी धार्मिक विद्वता के लिए जाने जाते हैं, ने इस यात्रा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘हिंदू जागरण का प्रतीक’ बताया। एक हालिया साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “बाबा धीरेंद्र शास्त्री का यह संदेश जाट समाज सहित सभी हिंदू वर्गों के लिए मार्गदर्शक है।
जाति की दीवारें तोड़कर हम एकजुट होंगे, तभी सनातन धर्म की रक्षा संभव है।” शास्त्री ने यात्रा में जाट भाइयों की बड़ी संख्या का जिक्र करते हुए कहा कि यह सामाजिक सद्भाव की दिशा में बड़ा कदम है। हरियाणा के फरीदाबाद में यात्रा के दौरान जाट समुदाय के सैकड़ों युवाओं ने भव्य स्वागत किया, जहां शास्त्री ने हनुमान चालीसा का पाठ कराया।
बताया जा रहा है कि यह यात्रा 6 नवंबर को दिल्ली से शुरू हुई और 16 नवंबर को वृंदावन में समाप्त होगी। यात्रा के दौरान बाबा ने संभल हिंसा और वक्फ बोर्ड जैसे मुद्दों पर भी टिप्पणी की, जहां उन्होंने हिंदुओं से सतर्क रहने की सलाह दी। “देश में 100 करोड़ हिंदू हैं, लेकिन हमें चाहिए एक करोड़ सच्चे सनातनी, जो सड़कों पर उतरकर अपनी संस्कृति की रक्षा करें,” उन्होंने कहा। वराणसी के साधुओं ने भी यात्रा का समर्थन किया है, जहां पाटलपुरी मठ के पीठाधीश्वर बालक दास ने हनुमान चालीसा पाठ कर बाबा को शुभकामनाएं दीं।
यह यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक बन चुकी है। जाट समाज के शास्त्री के समर्थन से यह संदेश और मजबूत हुआ है कि हिंदू समाज अब जाति की बेड़ियों से मुक्त होकर आगे बढ़ेगा। यात्रा के समर्थक मानते हैं कि इससे देशभर में हिंदू जागरण की लहर फैलेगी। अधिक जानकारी के लिए बागेश्वर धाम की आधिकारिक वेबसाइट देखें।

