सत्यपाल मलिक की बहन ने अपने भाई के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “सोच रही थी हॉस्पिटल जाकर राखी बांधूंगी, हमें छोड़कर चले गए।”
विवादों और बेबाक बयानों का हिस्सा
सत्यपाल मलिक अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते थे। उन्होंने 2019 के पुलवामा हमले में सुरक्षा चूक और किरू जलविद्युत परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दों पर खुलकर बात की थी। मलिक ने दावा किया था कि उन्हें 150-150 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। हाल ही में, किरू जलविद्युत परियोजना से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसे उन्होंने बदले की कार्रवाई करार दिया था।
किसान आंदोलन के दौरान भी मलिक ने केंद्र सरकार की नीतियों की खुलकर आलोचना की और किसानों के समर्थन में कई राज्यों का दौरा किया। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में भी विपक्ष के समर्थन में वोट देने की अपील की थी।
स्वास्थ्य और अंतिम दिन
सत्यपाल मलिक मई 2025 से RML अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालत गंभीर थी, और 7 जून 2025 को उन्होंने X पर एक भावुक पोस्ट साझा की थी, जिसमें लिखा था, “मैं पिछले लगभग एक महीने से अस्पताल में भर्ती हूं और किडनी की समस्या से जूझ रहा हूं। मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है। मैं रहूं या न रहूं, अपने देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं।”
उनके निजी सचिव केएस राणा ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि 5 अगस्त 2025 को दोपहर 1:12 बजे उनका निधन हुआ।
गांव में शोक की लहर
सत्यपाल मलिक के पैतृक गांव बागपत के हिसावदा में उनके निधन की खबर पहुंचते ही शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने उनकी सादगी और ईमानदारी को याद किया। उनकी 300 साल पुरानी हवेली आज भी गांव में मौजूद है, जहां उन्होंने अपना बचपन बिताया था।

