दिल्ली से 100 से अधिक महंगी गाड़ियां चुराने वाले  साढू गैंग का पदार्फाश, तीन गिरफ्तार

new delhi news  द्वारका जिले के एंटी  आॅटो  थेफ्ट स्क्वाड यूनिट ने 10 महीने में करीब 100 लग्जरी गाड़ियां चुरा चुके तीन वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है। डीसीपी अंकित सिंह  ने जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान रवि उर्फ महेश, मोनू उर्फ मनीष और कालू के रूप में हुई है। इनमें से रवि और मोनू आपस में साढू है। ये लोग पुलिस से बचने के लिए वॉकी टॉकी का इस्तेमाल करते थे। क्योंकि उन्हें पता था कि मोबाइल से बात करने पर उनके लोकेशन के बारे में पुलिस पता लगा सकती है। जांच में पता चला है कि आरोपित खास कर क्रेटा, फॉर्च्यूनर, ब्रेजा जैसी लग्जरी गाड़ियों को निशाना बनाते थे जो जिम के आसपास खड़ी होती थी। इनसे पांच लग्जरी गाड़ियां बरामद की गई हैं। इनमें से फॉर्च्यूनर, क्रेटा और ब्रेजा शामिल हैं। इसके अलावा ब्लैक रिमेट, वॉकी-टॉकी, जैमर और दूसरे टूल्स भी बरामद किए गए हैं। इतना ही नहीं एक हाईटेक टूल भी बरामद हुआ है, जिसे चाइनीज टूल एक्स – टूल कहते हैं। जिसका इस्तेमाल गाड़ियों को खोलने के लिए किया जाता है। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद द्वारका, जनकपुरी, द्वारका सेक्टर 23, द्वारका नॉर्थ, जनकपुरी और प्रशांत विहार थाने के मामलों का खुलासा किया गया है। द्वारका जिले के डीसीपी अंकित सिंह के बुधवार को प्रेस वार्ता कर बताया कि सभी आरोपित दिल्ली के रोहिणी, हस्तसाल, उत्तम नगर के रहने वाले हैं। एसीपी आॅपरेशन राम अवतार की देखरेख में इंस्पेक्टर कमलेश कुमार की टीम ने इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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डीसीपी के अनुसार पुलिस टीम ने गाड़ी चोरी की वारदात वाली जगह पर काफी संख्या में लगे सीसीटीवी फुटेज को चेक किया था। ज्यादातर मामले सुबह में चोरी के ही सामने आए और अधिकतर गाड़ियां जिम के आसपास पार्क की हुई थी, वहीं चोरी की गई। ये लोग 5 से 7 मिनट के अंदर में गाड़ी खोलकर चोरी कर लेते थे। लैपटॉप जैसा इक्विपमेंट साथ में रखते थे और अपने मंसूबे के अंजाम देने में कामयाब हो जाते थे। गैंग का मुख्य आरोपित रवि उर्फ महेश उर्फ राजू है।  डीसीपी ने बताया कि इसके  बारे में ठोस सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने ककरोला इलाके में जाल बिछाया। ये तीनों पुलिस से बचने के लिए भागे, लेकिन पुलिस ने इनका पीछा करके इन्हें दबोचा लिया। जिस क्रेटा गाड़ी से ये भाग रहे थे, उस पर फेक नंबर प्लेट लगा रखी थी। तीनों के पकड़े जाने के बाद उनसे पूछताछ की गई फिर उनकी पहचान की गई।
छानबीन की गई तो पता चला कि रवि उर्फ महेश 48 इसी तरह के मामलों में शामिल रहा है। वहीं मोनू पर 23 मामले चल रहे है, जबकि विशाल पर 14 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज है। फिर इनकी निशानदेही पर दिल्ली, पंजाब के लुधियाना, राजपुरा, हरियाणा के सिरसा में छापा मारकर गाड़िया बरामद की गई। आगे की पूछताछ में पता चला कि इस गैंग को हरियाणा और पंजाब से गड़ियों की डिमांड मिलती थी। उसी के आधार पर ये लोग दिल्ली से गाड़ी चोरी करके उनको वहां के रिसीवर को बेचते थे। पिछले 10 महीने के अंदर करीब 100 गाड़ियां चोरी करके यह गैंग बेच चुका है। यह पता चला कि रवि और विशाल कार मैकेनिक है। इसलिए उन्हें कार के सिस्टम को आॅपरेट करने की पूरी जानकारी है।

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