Russia News: 600 साल बाद फटा क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी, भूकंप से जुड़ा हो सकता है विस्फोट

Russia News: रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कमचटका प्रायद्वीप में स्थित क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी ने लगभग 600 साल बाद 2 अगस्त, 2025 को रात में जोरदार विस्फोट किया, जिसने वैज्ञानिकों और स्थानीय प्रशासन को चौंका दिया। यह ज्वालामुखी, जो 1463 के बाद से शांत था, अचानक सक्रिय हो गया और इसके विस्फोट से 6,000 मीटर (लगभग 19,700 फीट) ऊंचाई तक राख का गुबार उठा। रूसी आपातकालीन सेवा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि राख का बादल प्रशांत महासागर की ओर बह रहा है, और राहत की बात यह है कि इसके रास्ते में कोई आबादी वाला क्षेत्र नहीं है।

भूकंप से सक्रिय हुआ ज्वालामुखी
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह विस्फोट हाल ही में 30 जुलाई, 2025 को आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से प्रेरित हो सकता है, जो दुनिया का छठा सबसे बड़ा भूकंप माना जा रहा है। इस भूकंप ने कमचटका क्षेत्र को हिला दिया था और जापान, हवाई, फ्रेंच पोलिनेशिया, और चिली तक सुनामी चेतावनियां जारी कर दी गई थीं। कमचटका वॉल्केनिक इरप्शन रिस्पॉन्स टीम (KVERT) की प्रमुख ओल्गा गिरिना ने बताया, “यह क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी का 600 वर्षों में पहला ऐतिहासिक रूप से पुष्ट विस्फोट है।” उन्होंने संकेत दिया कि भूकंप के कारण टेक्टोनिक प्लेटों में हलचल ने मैग्मा चैंबर्स पर दबाव बढ़ाया, जिससे यह विस्फोट हुआ।

ज्वालामुखी का इतिहास और महत्व
1,856 मीटर ऊंचा क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी कमचटका प्रायद्वीप के क्रोनोत्स्की नेचर रिजर्व में स्थित है और इसका नाम रूसी खोजकर्ता स्टीफन क्रशेनिनिकोव के नाम पर रखा गया है। यह ज्वालामुखी दो अतिव्यापी स्ट्रैटोवोल्केनो से बना है, जो एक बड़े काल्डेरा के भीतर मौजूद है। स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के ग्लोबल वॉल्केनिज्म प्रोग्राम के अनुसार, इसका आखिरी विस्फोट 1550 में हुआ था, हालांकि कुछ स्रोत इसे 1463 के आसपास बताते हैं। इस विसंगति का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह ज्वालामुखी पिछले 10,000 वर्षों में 31 बार सक्रिय रहा है।

प्रभाव और सतर्कता
विस्फोट के बाद राख के कारण क्षेत्र में “ऑरेंज एविएशन कोड” जारी किया गया है, जिसका अर्थ है कि हवाई यातायात पर खतरा हो सकता है। रूसी आपातकालीन मंत्रालय ने पुष्टि की कि राख और लावा पूर्व दिशा में प्रशांत महासागर की ओर बढ़ रहे हैं, और अभी तक किसी बस्ती में राख गिरने या नुकसान की खबर नहीं है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस तरह के विस्फोट पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। कमचटका क्षेत्र, जो प्रशांत रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है, पहले से ही अपने सक्रिय ज्वालामुखियों के लिए जाना जाता है, और इस घटना ने भूगर्भीय खतरों के प्रति सतर्कता बढ़ा दी है।

अन्य ज्वालामुखीय गतिविधियां
यह विस्फोट क्षेत्र में हाल की भूगर्भीय अशांति का हिस्सा है। 30 जुलाई को आए भूकंप के बाद क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी, जो यूरोप और एशिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है, भी फट गया था। इसके अलावा, रविवार को कुरील द्वीप समूह में 7.0 तीव्रता का एक और भूकंप दर्ज किया गया, जिसने क्रशेनिनिकोव को और सक्रिय कर दिया। रूस के आपातकालीन मंत्रालय और KVERT स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं, और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

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