PM मोदी ने RSS को बताया विश्व का सबसे बड़ा NGO, क्या आप जानते हैं RSS किस एक्ट के तहत और कब बना

New Delhi: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारत का एक प्रमुख सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है, जिसकी स्थापना 27 सितंबर, 1925 को विजयादशमी के दिन महाराष्ट्र के नागपुर शहर में हुई थी। इसके संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार थे, जो एक चिकित्सक और स्वतंत्रता सेनानी थे। संघ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज को संगठित करना, राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना और हिंदू राष्ट्र के लिए चरित्र निर्माण करना था। इस वर्ष आरएसएस को पूरे 100 साल हो गए हैं,जिस कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में RSS का ज़िक्र किया और उसे दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया।
स्थापना और कानूनी स्थिति
RSS की स्थापना एक गैर-पंजीकृत संगठन के रूप में की गई थी, यानी यह किसी विशेष अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं है। यह एक स्वयंसेवी संगठन है जो अपनी गतिविधियों और संरचना को आंतरिक रूप से नियंत्रित करता है। हालांकि, इसकी कानूनी स्थिति को लेकर समय-समय पर बहस होती रही है।
कुछ रिपोर्ट्स और राजनीतिक बयान बताते हैं कि RSS को किसी विशेष कानून के तहत पंजीकृत नहीं किया गया है, जबकि कुछ अन्य सूत्रों के अनुसार, यह सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम (Society Registration Act) के तहत पंजीकृत है। हालांकि, आम तौर पर यह एक गैर-राजनीतिक और गैर-पंजीकृत संगठन माना जाता है। भारत सरकार के नियमों, जैसे केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1964 और अखिल भारतीय सेवाएँ (आचरण) नियमावली, 1968, में सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक संगठनों से जुड़ने से प्रतिबंधित किया गया है। इन नियमों के तहत RSS को भी एक गैर-राजनीतिक संगठन माना गया है, जिससे सरकारी कर्मचारी इससे जुड़ सकते हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य
15 अगस्त, 2025 को 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सराहना की। यह पहली बार था जब उन्होंने लाल किले की प्राचीर से औपचारिक रूप से संघ का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। 100 साल की राष्ट्र की सेवा एक बहुत ही गौरवपूर्ण कार्य है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल तक मां भारती के कल्याण का लक्ष्य लेकर संघ के लोगों ने मातृभूमि के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।” उन्होंने RSS को “दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ” भी बताया।
प्रधानमंत्री ने संघ के स्वयंसेवकों के अनुशासन, समर्पण और सेवा भावना की प्रशंसा की और कहा कि उनकी 100 साल की यह यात्रा देश को प्रेरित करती रहेगी। प्रधानमंत्री के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है, जिसमें विपक्षी दलों ने उनके वक्तव्य पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने RSS के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री के बयान को इतिहास को “तोड़-मरोड़कर पेश करने” का प्रयास बताया।

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