बीसीसीआई के चेयरमैन ऑफ सिलेक्टर्स अजित अग्रवाल ने हाल ही में इस बात पर जोर दिया था कि सभी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ी, जब फिट हों, तो घरेलू क्रिकेट खेलें। रोहित, जो टी20आई और टेस्ट से संन्यास ले चुके हैं, अब केवल वनडे में सक्रिय हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे कम से कम तीन-चार मैच खेलेंगे, ताकि मैच फिटनेस बनाए रख सकें। रोहित ने मुंबई के शरद पवार इंडोर एकेडमी में अभ्यास भी शुरू कर दिया है और वे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (26 नवंबर से शुरू) में भी उतर सकते हैं, भले ही टी20आई से रिटायर हो चुके हों।
रोहित का पहला मुकाबला सिक्किम के खिलाफ 24 दिसंबर को हो सकता है। मुंबई ग्रुप सी में है, जहां छह राउंड के मैच दिसंबर-जनवरी में खेले जाएंगे। यह टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज (3-9 दिसंबर) और न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज (11-18 जनवरी) के बीच का एकमात्र वनडे विंडो है। रोहित का आखिरी विजय हजारे मैच 2018-19 सीजन का था, जहां उन्होंने सेमीफाइनल में 17 रन बनाए थे। अब सात साल बाद लौट रहे ‘हिटमैन’ के फैंस खासा उत्साहित हैं। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर भी #RohitSharma ट्रेंड कर रहा है, जहां यूजर्स उनकी वापसी को 2027 वर्ल्ड कप की तैयारी बता रहे हैं।
विराट कोहली पर सवालों का दौर: रोहित के फैसले से बढ़ी चुनौती
रोहित के इस कदम से अब टीम इंडिया के दूसरे धुरंधर विराट कोहली पर दबाव बढ़ गया है। बीसीसीआई ने दोनों को ही एक जैसा संदेश दिया था, लेकिन विराट की ओर से अभी कोई स्पष्टता नहीं आई है। वे लंदन में परिवार के साथ समय बिता रहे हैं और दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) को अपनी उपलब्धता की सूचना नहीं दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यदि विराट टूर्नामेंट से दूर रहते हैं, तो सिलेक्शन कमिटी पर सवाल उठेंगे, खासकर जब रोहित ने शर्त मान ली हो।
विराट का आखिरी विजय हजारे मैच 2010 का था, जहां उन्होंने दिल्ली के लिए 229 रन बनाए थे। बीसीसीआई का मानना है कि दोनों दिग्गजों को मैच प्रैक्टिस की जरूरत है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मैच कम हो गए हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज में रोहित ने शानदार प्रदर्शन किया—पहले मैच में 8, दूसरे में 73 और तीसरे में 121* रन ठोके। वहीं, विराट पहले दो मैचों में शून्य पर आउट हुए, लेकिन सिडनी में रोहित के साथ 161 रनों की अजेय साझेदारी कर 74* रन बनाकर मैच जिताया। फिर भी, कोहली पर फॉर्म को लेकर सवाल बने हुए हैं।
क्यों जरूरी है यह कदम?
बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट का कहना है कि रोहित (38) और विराट (37) जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों को फिटनेस बनाए रखने के लिए घरेलू क्रिकेट अनिवार्य है। हेड कोच गौतम गंभीर और सिलेक्टर्स का मानना है कि 2027 वर्ल्ड कप (दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और नामीबिया में) तक दोनों को रेगुलर मैच प्रैक्टिस मिलनी चाहिए। सिलेक्शन कमिटी चेयरमैन अजित अग्रवाल ने कहा, “अगर खिलाड़ी फ्री हैं, तो घरेलू क्रिकेट खेलें।
यह मैच शार्पनेस बनाए रखने का तरीका है।” दोनों दिग्गजों ने टी20आई से जून 2024 में और टेस्ट से मई 2025 में संन्यास लिया था।
एक्स पर चर्चा जोरों पर है। एक यूजर ने लिखा, “रोहित ने बीसीसीआई की शर्त मान ली, अब विराट का इंतजार। क्या वे भी लौटेंगे?” जबकि दूसरे ने कहा, “घरेलू क्रिकेट से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी।” पाकिस्तानी पूर्व क्रिकेटर राशिद लतीफ ने इसे ‘टारगेटिंग’ बताया, लेकिन भारतीय फैंस इसे पेशेवर कदम मान रहे हैं।
रोहित-विराट की जोड़ी ने भारत को कई यादगार जीत दिलाई हैं, लेकिन अब घरेलू मैदान पर उनका जलवा देखना रोमांचक होगा। क्या विराट भी जल्द फैसला लेंगे? आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। क्रिकेट प्रेमी बेताबी से इंतजार कर रहे हैं।

