यमुना का बढ़ता जलस्तर: मथुरा-वृंदावन में बाढ़ का खतरा गहराया, 23 गांव प्रभावित, 1500 लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए

Mathura-Vrindavan :

Mathura-Vrindavan : मथुरा। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी के चलते यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हालात इतने बिगड़े कि जिले के 23 गांव बाढ़ प्रभावित हो गए हैं। इनमें से 13 गांव पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं, जबकि कई गांव टापू बन गए हैं। मथुरा-वृंदावन की दर्जनों कॉलोनियों में 3-4 फीट तक पानी भर गया है। प्रशासन ने शुक्रवार और शनिवार के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

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यमुना खतरे के निशान से ऊपर

पिछले 24 घंटे में यमुना का जलस्तर 166.40 मीटर से बढ़कर 166.56 मीटर दर्ज किया गया है, जोकि खतरे के निशान (166 मीटर) से 56 सेंटीमीटर ऊपर है।

हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी: 1.32 लाख क्यूसेक

ओखला बैराज से छोड़ा गया पानी: 2.44 लाख क्यूसेक

गोकुल बैराज से डिस्चार्ज: 1.11 लाख क्यूसेक

गांव और कॉलोनियां डूब क्षेत्र में सबसे ज्यादा असर नौहझील, मांट और छाता क्षेत्र के गांवों पर पड़ा है। केवल नौहझील के ही 9 गांव पूरी तरह से पानी में घिर गए हैं। मथुरा-वृंदावन की दर्जनों कॉलोनियां जलमग्न हो चुकी हैं।

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वृंदावन: घाटों, कॉलोनियों और गलियों तक यमुना का पानी पहुंच गया है।

बंद किए गए घाट: केसी घाट और देवराह बाबा घाट, वहीं जगन्नाथ घाट और कालिदह मार्ग पर बैरिकेडिंग।

प्रभावित कॉलोनियां: भक्ति विहार, घनश्याम वाटिका, श्रीजी वाटिका, टटिया स्थान की गौशाला, श्याम नगर, केशव नगर, अक्रूर धाम, मोहिनी नगर आदि।

Flood in UP high alert in Mathura-Vrindavan due to rising water level of Yamuna
1500 लोग रेस्क्यू, शेल्टर होम बनाए गए

अब तक प्रशासन ने 1500 से अधिक लोगों को नावों की मदद से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है। बाढ़ पीड़ितों के लिए 4 शेल्टर होम बनाए गए हैं – शाहपुर, धानौता, गुलालपुर और नगला नंदी में। इन शरणालयों में खानपान, साफ पानी, डॉक्टर और सुरक्षा बल की तैनाती की गई है।

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता

डीएम चंद्रप्रकाश सिंह और प्रशासनिक अमला लगातार बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहा है।

जिले में 39 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं।

विधायक राजेश चौधरी ने नाव से कई बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया और साधु-संतों से मुलाकात की।

हालात और चुनौतियां

कई घरों में पानी घुस चुका है, लोग छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं।

शहर की सड़कों पर नावें चल रही हैं, वृंदावन मानो “जल-नगरी” में बदल गया है।

खेतों में खड़ी धान, बाजरा, ज्वार की फसलें डूब गई हैं।

पशुओं के लिए हरे चारे की भारी दिक्कत हो रही है।

प्रशासन का दावा

अधिकारियों का कहना है कि राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। पीएसी तैनात है और जरूरत पड़ने पर और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी को भी असहाय नहीं छोड़ा जाएगा।

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