“फ्रÞेन्स” ग्रुप पर सुविधाओं के लिए एकजुट होकर चुनावी वादों की याद दिला रहे हैं लोग
ghaziabad news तेजी से विकसित हो रहे राजनगर एक्सटेंशन के निवासियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। मूलभूत सुविधाओं की बदहाल स्थिति से परेशान लोग अब फेडरेशन आॅफ राजनगर एक्सटेंशन सोसाइटीज (फ्रÞेंस) के वाह्ट्सएप ग्रुप्स और डिजिटल मंचों के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं, चुनाव के समय किए गए वादों की यादें ताजा करते हुए नागरिकों ने नेताओं और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा पर गहरा असंतोष जताया है।
निवासी चंद्र शेखर ने कहा कि इलेक्शन आते ही नेताओं को जनता की हर परेशानी याद आ जाती है, लेकिन जीतते ही सबकुछ भूल जाते हैं।
दीपक मिश्रा का कहना है, यहां के लोग ही जब अपनी समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं हैं, तो कोई और क्यों सुनेगा? केवल ज्ञापन देने और फोटो खिंचवाने से विकास नहीं होता।
उन्होंने सभी संगठनों से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर प्रशासन पर दबाव बनाएं ।
राजेश शर्मा ने कहा कि सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं, सफाई व्यवस्था लचर है और पुलिस की निष्क्रियता के चलते ट्रैफिक जाम आम बात है। पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है और पूरे इलाके में एक भी पार्क नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्षद तो चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र की तरफ मुड़कर भी नहीं देखतीं। दीपांशु मित्तल ने सुझाव दिया कि नागरिकों को एकजुट होकर अपने विधायक और जनप्रतिनिधियों को सोशल मीडिया पर टैग करके प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करना चाहिए।
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्यों राजनगर एक्सटेंशन की समस्याएं किसी के एजेंडे में नहीं होतीं? आखिर जिम्मदार कौन है।
ठेले, अव्यवस्था और अवैध वसूली का उठाया मुद्दा
दीपांशु ने कहा कि कुछ सोसाइटियों में ठेले सिर्फ इसलिए लगे हैं क्योंकि वहां के एओए (अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन) या निवासी उन्हें बढ़ावा देते हैं।
आरोप है कि कुछ स्थानों पर ठेलेवालों से पैसा भी वसूला जा रहा है।
जेपी त्यागी ने सुझाया कि समस्याओं के समाधान के लिए संगठित होकर नेताओं से सीधे संवाद जरूरी है। कृष्ण कुमार ने भी माना कि कुछ प्रयास हो रहे हैं, लेकिन वे नाकाफी हैं। अब व्यापक एकता की जरूरत है।
समस्या का समाधान सामूहिक प्रयास से ही संभव: अभिनव त्यागी
फेडरेशन आॅफ राजनगर एक्सटेंशन सोसाइटीज (फ्रÞेंस) के वरिष्ठ सचिव अभिनव त्यागी ने भी सभी नागरिकों से एकजुट होकर कार्य करने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि दीपक मित्तल जैसे जो भी निवासी समस्याएं बताएंगे, उन्हें ग्रुप के माध्यम से संबंधित विभागों तक पहुंचाया जाएगा और यथासंभव समाधान कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राजनगर एक्सटेंशन के निवासी अब मौन दर्शक बनने को तैयार नहीं हैं। वे अपने अधिकारों और सुविधाओं के लिए आवाज उठाने और एकजुट होकर व्यवस्थित दबाव बनाने के पक्ष में हैं। आने वाले समय में यह पहल एक बड़े नागरिक आंदोलन का रूप ले सकती है, यदि प्रशासन और जनप्रतिनिधि अब भी उदासीन बने रहे।

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