वीडियो में क्या कहा गया?
वायरल वीडियो में रामभद्राचार्य ‘वाइफ’ शब्द का विस्तार करते हुए कहते नजर आ रहे हैं- W – Wonderful, I – Instrument, F – For, E – Enjoy। हिंदी में इसका मतलब वे ‘आनंद का शानदार साधन’ या ‘खिलौना’ बताते हैं। वे आगे जोर देकर कहते हैं कि पश्चिमी संस्कृति में स्त्री को भोग का साधन माना जाता है, जबकि भारतीय संस्कृति में ‘पत्नी’ शब्द का महत्व यज्ञसाथी के रूप में है, जहां नारी योग की साझेदार होती है, न कि भोग की।
यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे X (पूर्व ट्विटर) पर लाखों बार देखा जा चुका है। कई यूजर्स ने इसे काट-छांट कर शेयर किया, जिससे विवाद भड़क गया। रामभद्राचार्य के समर्थक दावा कर रहे हैं कि पूरा संदर्भ देखा जाए तो यह पश्चिमी और भारतीय संस्कृति के अंतर को रेखांकित करने वाला व्यंग्य है, न कि अपमान।
RJD की तीखी प्रतिक्रिया
RJD की राष्ट्रीय प्रवक्ता कंचना यादव ने वीडियो को रीपोस्ट करते हुए रामभद्राचार्य पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने इसे ‘महिलाओं का घोर अपमान’ करार देते हुए जगद्गुरु की तुलना एक ‘जानवर’ से की और कहा कि ऐसे बयान देने वाले से ‘संतों’ को सिम्पैथी भी नहीं मिलनी चाहिए। यादव ने ट्वीट में लिखा, “ये लोग खुद को जगद्गुरु कहते हैं, लेकिन महिलाओं को खिलौना बताने में महारथ हासिल है।” RJD ने इसे सनातनी मूल्यों के खिलाफ बताया और माफी की मांग की।
संत समाज और अन्य प्रतिक्रियाएं
मथुरा-वृंदावन के संत समाज ने भी बयान की निंदा की है। वरिष्ठ संतों का कहना है कि जगद्गुरु जैसे पद पर विराजमान व्यक्ति को बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि उनके शब्द लाखों तक पहुंचते हैं। एक संगठन ने कहा, “यह मर्यादाहीन भाषा है, जो समाज को गुमराह करती है।”
सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। कुछ यूजर्स रामभद्राचार्य के पूरे प्रवचन का लिंक शेयर कर सफाई दे रहे हैं, जबकि अन्य इसे सेक्सिस्ट करार दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “पूरा वीडियो देखो, वे भारतीय नारी का सम्मान ही बता रहे हैं। कटे हुए क्लिप से विवाद पैदा मत करो।”
यह पहली बार नहीं है जब रामभद्राचार्य विवादों में घिरे हैं। पहले भी उनके हनीमून और अन्य सामाजिक मुद्दों पर बयानों ने हंगामा मचाया था। फिलहाल, तुलसी पीठ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

