Rakshabandhan 2025: नोएडा। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन इस बार नोएडा में खास उल्लास और शुभ संयोगों के साथ मनाया जाएगा। 9 अगस्त 2025 को पड़ने वाले रक्षाबंधन पर्व पर इस बार न तो भद्रा का साया रहेगा, न ही पंचक की बाधा — ऐसा संयोग करीब 95 साल बाद बन रहा है, जिससे इस बार का पर्व और भी शुभ और फलदायक माना जा रहा है।
Rakshabandhan 2025:
रक्षाबंधन की तिथि और मुहूर्त – नोएडा में भी दिन भर शुभ समय
पूर्णिमा तिथि शुरू: 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे
समाप्त: 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे
मुख्य पर्व: 9 अगस्त (उदया तिथि के अनुसार)
राखी बांधने का शुभ समय: सुबह से शाम तक (राहुकाल को छोड़कर)
राहुकाल (नोएडा): सुबह 9:07 से 10:47 बजे तक
नोएडा के पूजा-पंडितों और ज्योतिषाचार्यों ने लोगों को इस दिन राहुकाल से बचकर राखी बांधने की सलाह दी है।
Rakshabandhan 2025:
शुभ योगों से और भी खास बनेगा नोएडा का रक्षाबंधन
इस बार रक्षाबंधन पर श्रवण नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग और सौभाग्य योग जैसे विशेष संयोग बन रहे हैं, जिनकी मान्यता है कि इन योगों में किए गए धार्मिक कार्य कई गुना अधिक फलदायी होते हैं।
नोएडा के बाजारों में राखियों की धूम
नोएडा के सेक्टर-18, अट्टा मार्केट, सदरपुर और गिझौड़ जैसे प्रमुख बाजारों में राखियों की खरीदारी जोरों पर है। चांदी, कलाईबैंड, कछुए और गणेश डिज़ाइन की राखियां विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इस बार ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, लाल रंग की राखियों से बचने, और पीले, हरे व नारंगी रंग की राखियों को प्राथमिकता देने की सलाह दी जा रही है।
रक्षा सूत्र बांधते समय बोलें यह मंत्र
> “येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
> तेन त्वां प्रतिबध्नामि रक्षे माचल माचल॥”
पंडितों का कहना है कि यह मंत्र भाई की रक्षा, दीर्घायु और सफलता के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है।
शहर के मंदिरों में विशेष आयोजन
रक्षाबंधन के दिन नोएडा के प्रमुख मंदिरों जैसे ISKCON मंदिर, सेक्टर-50 हनुमान मंदिर, और कालीबाड़ी में विशेष पूजा और आरती के कार्यक्रम होंगे। महिलाएं भाई की लंबी उम्र और सफलता के लिए पूजा-अर्चना करेंगी।
हालांकि पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर से शुरू हो रही है, लेकिन चूंकि सूर्य उदय के समय पूर्णिमा 9 अगस्त को रहेगी, इसलिए राखी बांधने का पर्व 9 अगस्त को ही मनाना श्रेष्ठ रहेगा। इस पावन पर्व पर नोएडा के भाई-बहनों को विशेष शुभकामनाएं – आपसी प्रेम और रिश्ते की डोर ऐसे ही बनी रहे सदा अटूट।
Rakshabandhan 2025:

