तेजस्वी की पत्नी को ‘जर्सी गाय’ कहने वाले राजबल्लभ यादव के बयान से बिहार की सियासत में आया हड़कंप

Nawada Bihar News: बिहार की राजनीति में एक बार फिर विवादों का तूफान खड़ा हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व विधायक और विवादास्पद नेता राजबल्लभ यादव ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री यादव को ‘जर्सी गाय’ कहकर संबोधित किया, जिसके बाद सियासी माहौल गरमा गया है। यह बयान नारदीगंज में 2 अगस्त 2025 को एक जनसभा के दौरान दिया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस टिप्पणी ने न केवल RJD कार्यकर्ताओं बल्कि अन्य विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों को भी आक्रोशित कर दिया है।
राजबल्लभ यादव का विवादित बयान
जनसभा में राजबल्लभ यादव ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “वोट लेने के लिए तेजस्वी जाति की बात करते हैं, लेकिन शादी हरियाणा-पंजाब से कर लाते हैं। क्या जरूरत थी जर्सी गाय लाने की? यहाँ यादव समाज की बेटियाँ हैं, जिनसे शादी कर सकते थे।” उन्होंने तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव के तलाक का जिक्र करते हुए भी अपमानजनक टिप्पणी की, जिसमें कहा गया, “एक ने शादी की भी तो भगा दिया।” इस बयान ने RJD नेताओं और समर्थकों में गुस्सा भड़का दिया है।
RJD और विपक्ष का तीखा विरोध
RJD नेताओं ने इस बयान की कड़ी निंदा की है। नवादा में RJD कार्यकर्ताओं ने राजबल्लभ यादव के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनका पुतला जलाया। RJD जिला अध्यक्ष रेनू सिंह ने कहा, “महिलाओं का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नवरात्रि जैसे पवित्र पर्व से पहले ऐसी टिप्पणी शर्मनाक है।” पूर्व विधायक कौशल यादव ने भी राजबल्लभ के बयान को अनुचित बताते हुए कहा, “तेजस्वी की पत्नी एक घरेलू महिला हैं, जो अपने परिवार और बच्चों की देखभाल करती हैं। उनके चरित्र पर सवाल उठाना गलत है।”
RJD प्रवक्ता एजाज अहमद ने इसे NDA की साजिश करार देते हुए कहा, “यह बयान लालू परिवार की छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे ऐसी भाषा का समर्थन करते हैं?” कांग्रेस ने भी इस बयान की निंदा की, प्रवक्ता स्नेहाशीष वर्धन पाण्डेय ने कहा, “राजनीति में निजी जीवन पर कीचड़ उछालना गलत है।”
बीजेपी का बचाव
दूसरी ओर, बीजेपी ने इस मामले में राजबल्लभ का बचाव करने की कोशिश की। बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा, “राजबल्लभ का मकसद किसी महिला का अपमान नहीं था। वे तेजस्वी की जातीय राजनीति पर सवाल उठा रहे थे।” हालांकि, इस बयान ने बीजेपी को भी असहज स्थिति में ला दिया है, क्योंकि राजबल्लभ की पत्नी और RJD विधायक विभा देवी हाल ही में पीएम मोदी की गया रैली में मंच पर दिखी थीं, जिसके बाद उनके NDA में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं।
राजबल्लभ यादव का विवादित इतिहास
राजबल्लभ यादव, जो कभी लालू यादव के करीबी थे, 2015 में एक नाबालिग से बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा काट चुके हैं। हालांकि, इस साल 14 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था। जेल से रिहा होने के बाद राजबल्लभ ने RJD से दूरी बना ली और उनकी पत्नी विभा देवी की NDA नेताओं के साथ नजदीकियों ने सियासी हलकों में चर्चा शुरू कर दी।
जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। कई यूजर्स ने इसे महिलाओं का अपमान बताया, जबकि कुछ ने इसे बिहार की जातीय राजनीति का हिस्सा करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “राजबल्लभ या तो मानसिक रूप से अस्थिर हैं या NDA के इशारे पर लालू परिवार को निशाना बना रहे हैं।” नवादा में महिलाओं ने राजबल्लभ के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उन्हें झाड़ू और चप्पल से पीटने की बात कही।
तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया
तेजस्वी यादव ने इस मामले पर सीधे कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन हाल ही में उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, “माँ तो माँ होती है। किसी की माँ-बहन-बेटी पर अपशब्द नहीं बोलना चाहिए।” यह बयान उनके परिवार के खिलाफ हो रहे हमलों को देखते हुए और भी प्रासंगिक हो गया है।
सियासी निहितार्थ
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को प्रभावित कर सकता है। RJD इसे महिलाओं के सम्मान का मुद्दा बनाकर जनता के बीच ले जा रही है, जबकि NDA इसे जातीय राजनीति से जोड़कर तेजस्वी की छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रही है।
निष्कर्ष
राजबल्लभ यादव का यह बयान न केवल तेजस्वी यादव के परिवार को निशाना बनाता है, बल्कि बिहार की सियासत में जाति और लैंगिक संवेदनशीलता जैसे मुद्दों को भी उजागर करता है। इस विवाद ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बिहार की राजनीति में व्यक्तिगत टिप्पणियाँ और विवादों का बोलबाला कायम है। आने वाले दिनों में इस मामले का सियासी असर और गहरा होने की संभावना है।
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