Rajasthan Peon Recruitment Exam Faces Strictness News: राजस्थान में चतुर्थ श्रेणी (चपरासी) भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन भी अभ्यर्थियों को सख्त सुरक्षा जांच का सामना करना पड़ा। परीक्षा केंद्रों पर जूते-चप्पल उतरवाने से लेकर शर्ट की आस्तीनें काटने तक की घटनाएं सामने आईं। सुबह 10 बजे शुरू होने वाली पहली पारी के लिए 9 बजे गेट बंद करने का नियम इतना कड़क रहा कि कई अभ्यर्थी दौड़ते हुए पहुंचे, लेकिन एक मिनट की देरी पर भी एंट्री से वंचित रह गए। 25 लाख से अधिक आवेदनों के बीच 53,749 पदों के लिए हो रही यह परीक्षा नकल रोकने के नाम पर अभ्यर्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है।
परीक्षा 19 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक 38 जिलों के 1,500 से अधिक केंद्रों पर दो पारियों में आयोजित हो रही है। पहली पारी सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक चलती है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (आरएसएसबी) ने नकल और डमी कैंडिडेट्स रोकने के लिए तीन स्तरीय जांच, बायोमेट्रिक सत्यापन, सीसीटीवी निगरानी और फ्लाइंग स्क्वायड का इंतजाम किया है। लेकिन इन उपायों ने अभ्यर्थियों को परेशान कर दिया है।
केंद्रों पर सख्ती की बानगी
झुंझुनूं जिले के परीक्षा केंद्रों पर शुक्रवार को महिलाओं के दुपट्टे, जूते-चप्पल उतरवाए गए। एक अभ्यर्थी ने बताया, “सुबह 8 बजे से लाइन लगी हुई थी। जूते उतारने के बाद बायोमेट्रिक चेकिंग हुई। पहली पारी में ही 12 हजार से अधिक कैंडिडेट्स थे, लेकिन भीड़ इतनी थी कि एंट्री में घंटों लग गए।” इसी तरह, जयपुर में पुरुष अभ्यर्थियों की कान की बाली पर टेप चिपकाया गया, जबकि महिलाओं से नोज पिन और बाली उतरवाने को कहा गया। एक महिला कैंडिडेट ने शिकायत की, “पुरुषों को तो छूट मिल रही है, लेकिन हमें सब कुछ उतारना पड़ रहा। यह भेदभाव जैसा लगता है।”
नागौर के सेठ किशनलाल कांकरिया स्कूल केंद्र पर एक महिला अभ्यर्थी की अंगूठी इतनी टाइट थी कि साबुन लगाकर ही उतारी गई। वहीं, एक अन्य कैंडिडेट ने कुड़की (कान की छेदने वाली) उतारने से इनकार कर दिया और केंद्राधीक्षक से फॉर्म फीस के 650 रुपये लौटाने की मांग की। केंद्राधीक्षक ने अभ्यर्थी को समझाया, लेकिन विवाद बढ़ गया। रतन बहन गर्ल्स स्कूल के बाहर महिलाओं के दुपट्टे लटकते नजर आए, जो जांच के बाद ही लौटाए गए।
जैसलमेर के सागर मल गोपा स्कूल में एक अभ्यर्थी 9:01 बजे पहुंचा तो गेट बंद पाकर लौटना पड़ा। उसने कहा, “मैं जैसलमेर का हूं, सालों से पटवारी-कांस्टेबल की तैयारी कर रहा हूं। बस एक मिनट की देरी से सब बर्बाद हो गया। दुपट्टा, कंगन, नाक-कान के आभूषण सब उतरवाए गए।” नागौर में भी दो अभ्यर्थी 9 बजे से ठीक दो मिनट पहले दौड़ते हुए केंद्र में घुसे।
शर्ट की आस्तीनें काटीं, बटन हटाए
सुरक्षा के नाम पर कई केंद्रों पर शर्ट की आस्तीनें काटी गईं और एक्स्ट्रा बटन हटाने पड़े। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, अभ्यर्थियों को मेटल बटन वाली जींस या फुल स्लीव शर्ट पहनने पर रोक लगाई गई। एक जगह टी-शर्ट के बटन कैंची से काटे गए। द सूत्र न्यूज के अनुसार, “किसी की शर्ट काटी तो किसी के जूते उतरवाए।” ड्रेस कोड में पुरुषों के लिए आधी/पूरी आस्तीन वाली शर्ट, कुर्ता-पायजामा या पैंट अनुमत हैं, लेकिन जींस प्रतिबंधित। महिलाओं के लिए साड़ी, सलवार सूट या दुपट्टा बिना मेटल के।
पृष्ठभूमि और प्रतिक्रियाएं
20 साल बाद हो रही यह भर्ती शिक्षा, पुलिस, चिकित्सा जैसे विभागों के लिए है। 25 लाख आवेदनों में पीएचडी धारक से लेकर 10वीं पास तक की होड़ है। बोर्ड ने मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और पेपर ले जाने पर सख्ती बरती है। सोशल मीडिया पर पेपर डिस्कस करने पर रोक है।
अभ्यर्थी संगठनों ने सख्ती की सराहना की, लेकिन महिलाओं के साथ भेदभाव की शिकायतें बढ़ रही हैं। आरएसएसबी अधिकारियों का कहना है, “ये उपाय नकल रोकने के लिए जरूरी हैं। कोई छूट नहीं दी जा सकती।” परीक्षा के तीसरे दिन भी यही सिलसिला जारी रहने की संभावना है। अभ्यर्थी फ्री बस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन ट्रैफिक जाम और भीड़ ने परेशानी बढ़ा दी।

