राहुल गांधी ने किया दावा, “एटम बम” जैसे सबूत, प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए पेश किए ‘सबूत’

Rahul Gandhi News:  लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावों में वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों के सबूत पेश किए और साथ ही साथ चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए। गांधी ने दावा किया कि उनके पास “एटम बम” जैसे सबूत हैं, जो चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हैं।

कर्नाटक के महादेवपुरा में बड़े पैमाने पर वोट चोरी का दावा
राहुल गांधी ने कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां 1 लाख से अधिक फर्जी वोटों के जरिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) को फायदा पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के आंतरिक सर्वेक्षण में 16 सीटें जीतने की संभावना थी, लेकिन केवल 9 सीटें मिलीं। राहुल ने दस्तावेज पेश करते हुए दिखाया कि एक ही पहचान पत्र के साथ अलग-अलग नाम और फोटो दर्ज थे, 33,000 से अधिक फॉर्म-6 का दुरुपयोग हुआ, और एक ही पते पर 40-50 वोटर पंजीकृत पाए गए।

महाराष्ट्र और हरियाणा में भी संदिग्ध वोटर
राहुल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 40 लाख संदिग्ध वोटरों के शामिल होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि 5 महीने में इतनी बड़ी संख्या में वोटरों का जुड़ना असामान्य है और यह जनसंख्या से भी अधिक है। हरियाणा में भी उन्होंने असामान्य वोटिंग पैटर्न का जिक्र किया, जहां शाम 5:30 बजे के बाद भारी वोटिंग दर्ज की गई, लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा कुछ नहीं दिखा। राहुल ने सवाल उठाया कि क्या भारत में ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ की संवैधानिक गारंटी अब भी सुरक्षित है?

चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आयोग ने डिजिटल वोटर लिस्ट और वोटिंग सेंटर्स की सीसीटीवी फुटेज देने से इनकार कर दिया। राहुल ने दावा किया कि आयोग जानबूझकर जरूरी डेटा उपलब्ध नहीं करा रहा ताकि सच्चाई सामने न आए। उन्होंने इसे “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया और कहा कि जो अधिकारी इसमें शामिल हैं, वे देश के खिलाफ काम कर रहे हैं।

फॉर्म-6 के दुरुपयोग का आरोप
राहुल ने फॉर्म-6 का जिक्र करते हुए कहा कि इसका उपयोग नए वोटरों को जोड़ने में नियमों की अनदेखी के साथ किया जा रहा है। उन्होंने उदाहरण दिए कि कई वोटर कार्ड में पते गलत या शून्य दर्ज हैं, और कुछ में पिता का नाम तक अंग्रेजी अक्षरों में लिखा है। उन्होंने पूछा कि अगर पते और पहचान संदिग्ध हैं, तो ऐसे लोग वोट कैसे डाल रहे हैं?

चुनाव आयोग का जवाब
राहुल के आरोपों पर चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए कहा कि ये आरोप “बेबुनियाद और निंदनीय” हैं। आयोग ने दावा किया कि वह निष्पक्षता के साथ काम कर रहा है और वोटर लिस्ट में सुधार के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया चल रही है। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल को 8 अगस्त को मुलाकात के लिए बुलाया और कहा कि ड्राफ्ट और फाइनल वोटर लिस्ट पहले ही कांग्रेस को दी जा चुकी थी, लेकिन कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई। आयोग ने राहुल से सबूतों के साथ शपथ पत्र देने की मांग की।

बीजेपी का पलटवार
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल पर संवैधानिक संस्थाओं को धमकाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल केवल हार के बाद ही आयोग पर सवाल उठाते हैं, लेकिन जीतने पर चुप रहते हैं। पात्रा ने पूछा कि अगर सबूत हैं, तो राहुल कोर्ट क्यों नहीं गए?

सियासी घमासान तेज
राहुल गांधी के इन आरोपों ने देश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्ष इस मुद्दे को संसद में उठाने की तैयारी कर रहा है, जबकि बीजेपी और चुनाव आयोग इसे राजनीतिक स्टंट बता रहे हैं। राहुल ने कहा कि वह और सबूत सार्वजनिक करेंगे और देश के हर नागरिक से इस मुद्दे पर आवाज उठाने की अपील की।

आगे क्या?
राहुल गांधी के इन खुलासों के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा? बिहार में वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा है, और अब कर्नाटक और महाराष्ट्र के उदाहरणों ने इस बहस को और भी गर्म कर दिया है।

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