हरिओम वाल्मीकि (उम्र 38-40 वर्ष) की हत्या का मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। घटना के अनुसार, गांववासियों ने ड्रोन चोरी के शक में हरिओम पर हमला किया था, जो वीडियो में रिकॉर्ड भी हुआ। पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य आरोपी एक मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया। पांच पुलिसकर्मियों को लापरवाही के लिए निलंबित किया गया। परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 11 अक्टूबर को मुलाकात की थी, जहां उन्हें आवास, नौकरी और अन्य सहायता का आश्वासन दिया गया। हरिओम की बहन कुसुम को फतेहपुर मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की अनुबंधित नौकरी का ऑफर लेटर भी जारी किया गया।
राहुल गांधी की मुलाकात लगभग 25-30 मिनट तक चली, जिसमें उन्होंने हरिओम के पिता गंगादीन, भाई शिवम और बहन कुसुम से बात की। परिवार के सदस्य भावुक हो गए, और राहुल ने उन्हें गले लगाकर ढांढस बंधाया। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में राहुल ने कहा, “कुछ दिन पहले दलित अधिकारी ने आत्महत्या की थी, मैं वहां गया और आज यहां आया हूं। अपराध इस परिवार ने नहीं किया, अपराध इनके खिलाफ किया गया है और ऐसा लग रहा है कि ये लोग अपराधी हैं। इन्हें घर में बंद कर रखा है, इन्हें डराया जा रहा है। ये लोग केवल न्याय मांग रहे हैं। हमारे बेटे, हमारे भाई को मारा गया है। उसकी हत्या की गई है। हम केवल न्याय मांग रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार को उनसे मिलने से रोकने के लिए दबाव डाला गया और एक वीडियो रिकॉर्ड करवाया गया, जिसमें परिवार ने मिलने से इनकार किया था। राहुल ने कहा कि परिवार घर से बाहर नहीं निकल पा रहा है और घर की एक लड़की को ऑपरेशन की जरूरत है, लेकिन उसे रोका जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि परिवार की रक्षा करें और न्याय सुनिश्चित करें।
कांग्रेस ने इस घटना को संविधान के खिलाफ अपराध बताते हुए कहा कि यह ‘मनुवाद’ की विचारधारा का परिणाम है और देश बाबा साहेब अम्बेडकर के संविधान से चलेगा। एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए राहुल ने कहा कि यूपी में दलितों पर अत्याचार चरम पर है, जिसमें हत्या और यौन उत्पीड़न के मामले सबसे ज्यादा हैं।
वहीं, भाजपा ने राहुल की यात्रा को राजनीतिक करार दिया। भाजपा प्रवक्ता सी.आर. केसवन ने कहा कि परिवार ने पहले वीडियो में सरकार की कार्रवाई से संतुष्टि जताई थी और राजनीति नहीं चाहते थे, लेकिन राहुल ने इसे नजरअंदाज किया। परिवार के भाई शिवम ने एक वीडियो में कहा था, “हम सरकार से संतुष्ट हैं और यहां राजनीति नहीं चाहते।” हालांकि, मुलाकात के बाद परिवार ने राहुल को अपना ‘मसीहा’ बताया और न्याय की मांग की।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है। कुछ पोस्ट में परिवार की मुलाकात की तस्वीरें साझा की गईं, जबकि अन्य में दबाव के आरोप लगाए गए। कांग्रेस ने कहा कि यूपी प्रशासन ने परिवार को राहुल से न मिलने का दबाव बनाया, लेकिन परिवार ने इसे नजरअंदाज किया।
यह घटना यूपी में दलितों पर बढ़ते अत्याचारों को एक बार फिर से उजागर कर रही है और राजनीतिक दलों के बीच विवाद का कारण बनी हुई है। कांग्रेस ने वादा किया है कि वे परिवार को हर संभव मदद देंगे और अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।

