meerut news उत्तर प्रदेश में इन दिनों मतांतरण गैंग के विरुद्ध चल रहे अभियान के बीच मेरठ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां बिहार का रहने वाला एक युवक कासिम, बीते दस वर्षों से ‘कृष्णा’ नाम धारण कर एक मंदिर में पुजारी बनकर रह रहा था। अब उसके खिलाफ धर्म परिवर्तन गिरोह से जुड़कर धोखाधड़ी करने और हिंदू धर्म की आस्था को ठेस पहुंचाने का गंभीर आरोप लगा है।
बताया जा रहा है कि कासिम (35), मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी जिले का निवासी है। वह पिछले एक दशक से ग्रेटर नोएडा के दादरी क्षेत्र स्थित एक शिव मंदिर में पुजारी के रूप में पूजा-पाठ कर रहा था। इस दौरान उसने हिंदू धर्म की विभिन्न विधियों को यूट्यूब से सीखा और दुर्गा सप्तशती, हनुमान चालीसा जैसे धार्मिक पाठों का पाठ करने लगा।
स्थानीय लोगों के अनुसार, कृष्णा पुजारी महिलाओं व बच्चों के हाथ देखकर उपाय भी बताता था और लोगों की श्रद्धा का केंद्र बन चुका था। हालांकि, सावन माह की कांवड़ यात्रा के दौरान उसकी असल पहचान उजागर होने का भय उसे सताने लगा। सूत्रों की मानें तो कासिम का संबंध किसी मतांतरण गिरोह से हो सकता है, जो धर्म परिवर्तन के माध्यम से ठगी और धार्मिक आस्था से खिलवाड़ करते हैं। फिलहाल मामले की गहन जांच की जा रही है। पुलिस ने कासिम को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और उसके पुराने संपर्कों व गतिविधियों की जांच की जा रही है।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि कासिम ने दिल्ली में रहते हुए दुर्गा और हनुमान चालीस को याद कर लिया था। साथ ही यू-ट्यूब से मंत्र भी सीख लिए। पुजा पाठ करते हुए हाथों की रेखाएं तक देखने लगा था।
ऐसे उठा धर्म से पर्दा
दानपात्र से रकम कम मिलने के बाद ग्रामीणों ने कासिम से आधार कार्ड मांग लिया। वह आधार कार्ड नहीं दे पाया। उसके बाद पुलिस को सौंप दिया गया। पूछताछ में कृष्णा ने अपना असली नाम कासिम बताया। उसके बाद पुलिस ने कासिम के स्वजन से फोन पर बातचीत की। जांच में सामने आया कि दस सालों से कासिम मंदिर में कृष्णा बनकर पूजा पाठ कर रहा था। एसपी सिटी आयुष विक्रम ने बताया कि कासिम के खिलाफ धर्म छिपाने और मंदिर के दानपात्र में चोरी करने का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।
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