मेरठ में रामभद्राचार्य के ‘मिनी पाकिस्तान’ बयान पर कारी मोहम्मद जमील की तीखी प्रतिक्रिया, की एकता और प्यार अपील

Jagadguru Rambhadracharya vs Qari Mohammad Jameel: उत्तर प्रदेश के मेरठ में आयोजित रामकथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य के विवादित बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हंगामा मचा दिया है। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को ‘मिनी पाकिस्तान’ बताते हुए हिंदू समाज पर संकट का रोना रोया, जिसकी कड़ी निंदा रामपुर के प्रमुख मुस्लिम नेता कारी मोहम्मद जमील ने की है। जमील ने इस बयान को गलत और नफरत फैलाने वाला करार देते हुए सभी धर्मों के लोगों से एकता और प्यार की बात करने की अपील की।

मेरठ के विक्टोरिया पार्क में गुरुवार को रामभद्राचार्य ने अपनी कथा से पहले भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कहा, “आज हिंदुओं पर बहुत संकट है। अपने ही देश में हम हिंदू धर्म को उतना न्याय नहीं दे पा रहे हैं। पश्चिमी यूपी में आकर ऐसा लगता है कि मिनी पाकिस्तान है।” उन्होंने आगे निर्दोष हिंदुओं की हत्या का जिक्र करते हुए हिंदू परिवारों से तीन संतान पैदा करने की सलाह भी दे डाली। यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और कई लोगों ने इसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाला बताया।

इस बयान पर रामपुर के प्रसिद्ध धार्मिक नेता कारी मोहम्मद जमील ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “रामभद्राचार्य धार्मिक बात कर रहे थे। धार्मिक बातें करनी चाहिए लेकिन इस प्रकार कहना कि मेरठ आने के बाद उन्हें पाकिस्तान आने जैसा लगता है, गलत है। एक जिम्मेदार व्यक्ति के लिए यह शब्द सही नहीं हैं। पश्चिमी यूपी में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, दलित सभी मिलकर रहते हैं। हमें पाकिस्तान से क्या मतलब? हमारा देश हिंदुस्तान है। हमें यही की बात करनी चाहिए। प्यार की बात करनी चाहिए। अगर कुछ लोग नफरत फैला रहे हैं तो ऐसे में धार्मिक लोगों को जोड़ने की बात करनी चाहिए। चाहे वह गुरु हों, बाबा हों, उलेमा हों। मैं बहुत सारे साधू संतों की बातें सुनता हूं, वह बहुत अच्छी बातें करते हैं। यह बात अगर उन्होंने कही है तो गलत कही है।” जमील की यह प्रतिक्रिया आईएएनएस हिंदी को दी गई, जो सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जिसमें मेरठ, रामपुर, मुरादाबाद जैसे जिले शामिल हैं, एक विविधतापूर्ण क्षेत्र है जहां 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 72% हिंदू और 26% मुस्लिम आबादी रहती है। यहां हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसालें आम हैं, लेकिन हाल के वर्षों में ‘मिनी पाकिस्तान’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने के लिए हो चुका है। बीबीसी हिंदी की एक पुरानी रिपोर्ट के अनुसार, यह जुमला मुस्लिम बहुल इलाकों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल होता रहा है।

रामभद्राचार्य के बयान पर अन्य प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। समाजवादी पार्टी के नेता एस.टी. हसन ने मुरादाबाद में कहा, “वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पाकिस्तान कहकर उसका अपमान कर रहे हैं। पाकिस्तान ने जो कुछ किया है और जिस तरह से उसका गठन हुआ है, सभी जानते हैं कि वह कैसा देश है। क्या सभी मुसलमान आतंकवादी हैं? जो वह पाकिस्तान बता रहे हैं। उन्हें बोलने से पहले सोचना चाहिए।” सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है। कई यूजर्स ने रामभद्राचार्य को योगी सरकार के ‘रामराज्य’ पर सवाल उठाने वाला बताया, जबकि कुछ ने इसे हिंदू एकता की अपील माना।

यह विवाद ऐसे समय पर भड़का है जब उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने की जरूरत है। कारी मोहम्मद जमील की अपील के जरिए धार्मिक नेताओं से एकता का संदेश देना महत्वपूर्ण लग रहा है। फिलहाल, रामभद्राचार्य की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है, लेकिन यह मुद्दा आने वाले दिनों में और गहरा सकता है।

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