Putin’s India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर शांति प्रयासों पर जोर दिया। पुतिन ने मोदी को ‘सच्चा मित्र’ बताते हुए यूक्रेन संकट पर साझा की गई जानकारी के लिए धन्यवाद दिया, जबकि मोदी ने भारत की ‘शांति पक्षधर’ नीति दोहराई। यह यात्रा 2022 के यूक्रेन आक्रमण के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा है, जो अमेरिकी दबाव के बीच रक्षा, ऊर्जा और व्यापार सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित रही।
हैदराबाद हाउस में गहन चर्चा
हैदराबाद हाउस में आयोजित वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “यूक्रेन संकट के बाद से हमारी निरंतर संवाद रही है। सच्चे मित्र की तरह आपने हमें समय-समय पर सब कुछ बताया। विश्वास ही सबसे बड़ी ताकत है।” उन्होंने पुतिन को रूसी भाषा में भगवद्गीता की प्रति भेंट की, जो “लाखों लोगों को प्रेरित करती है।”
पुतिन ने जवाब में कहा, “आपके न्योता के लिए धन्यवाद। यूक्रेन में हो रही घटनाओं पर मैंने विस्तार से जानकारी साझा की। अमेरिका समेत साझेदारों के साथ शांतिपूर्ण समाधान पर काम कर रहे हैं। आपके प्रयासों की सराहना करता हूं।” उन्होंने पिछले वर्षों में मोदी के प्रयासों की तारीफ की और हाई-टेक विमान, अंतरिक्ष अन्वेषण व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की बात कही।
मोदी ने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया: “भारत-रूस आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाना चाहिए। वैश्विक संकटों से मुक्ति के बाद सहयोग की नई भाषा विकसित होनी चाहिए।” उन्होंने विश्वास जताया कि हाल के प्रयासों से “दुनिया फिर शांति की ओर लौटेगी।”
रक्षा सौदों में नई गति
रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज की गई। 22वीं भारत-रूस सैन्य एवं सैन्य तकनीकी सहयोग अंतर-सरकारी आयोग की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने द्विपक्षीय सहयोग की सराहना की। चर्चा में सु-30एमकेआई लड़ाकू विमानों का दूसरा उन्नयन (लगभग 100 विमानों के लिए रूस के साथ साझेदारी), एस-400 वायु रक्षा प्रणाली के लिए 280 मिसाइलों की आपूर्ति, 200 किमी रेंज वाली आर-37 हवा-से-हवा मिसाइलें, तथा वर्बा शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम शामिल हैं।
मई में पाकिस्तानी हमलों के खिलाफ एस-400 की सफलता का जिक्र करते हुए स्रोतों ने कहा कि यह भारत की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाई देगा। रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव ने “गहरी परंपरा” और आपसी सम्मान पर जोर दिया।
निर्यात बढ़ाने पर समझौते
व्यापार घाटे को कम करने के लिए भारत रूस को फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, कृषि उत्पादों (समुद्री उत्पाद सहित) का निर्यात बढ़ाएगा। वर्तमान व्यापार 70 अरब डॉलर के करीब पहुंच चुका है, लक्ष्य 2030 तक 100 अरब डॉलर पार करना है। 10 अंतर-सरकारी दस्तावेजों और 15 से अधिक व्यावसायिक समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिसमें शिपिंग, स्वास्थ्य, उर्वरक, कनेक्टिविटी, सांस्कृतिक व वैज्ञानिक सहयोग शामिल हैं।
यूरोएशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते की शुरुआत का स्वागत किया गया। आईटी, एआई और सेवाओं में सहयोग पर ब्रिक्स एनालिटिक्स के यारोस्लाव लिसोवोलिक ने कहा, “दोनों देशों में कुशल विशेषज्ञ वैश्विक मांग में हैं, असंतुलन दूर करने का दायरा बड़ा है।”
राजघाट पर श्रद्धांजलि व दिल्ली में सुरक्षा घेरा
पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और विजिटर्स बुक पर हस्ताक्षर किए। राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ भव्य स्वागत हुआ। दिल्ली में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रही, जिसमें ट्रैफिक प्रतिबंध (सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक) और होटलों में बुकिंग फुल (रूम रेट 85,000-1.3 लाख रुपये) शामिल हैं।
शाम को पुतिन आरटी चैनल का भारतीय संस्करण लॉन्च करेंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत वाले स्टेट डिनर में भाग लेंगे।
‘सुख-दुख का साथी’ रूस
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “रूस ने तेल-गैस और एस-400 से भारत का साथ दिया। हमारी स्वायत्तता हमारी डीएनए में है।” पूर्व राजनयिक राजीव भाटिया ने इसे “आर्थिक संबंधों को गहरा करने का महत्वपूर्ण कदम” बताया। विपक्ष नेता राहुल गांधी ने परंपरा का हवाला देते हुए अपनी मुलाकात न होने पर सवाल उठाया।
यह यात्रा अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को रेखांकित करती है, जहां ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा आत्मनिर्भरता प्राथमिक हैं। क्या यह वैश्विक संतुलन बदलेगा? समय बताएगा।

