पंजाब में तरनतारन स्थित थाने पर आरपीजी हमले की सारी साजिश पड़ोसी देश पाकिस्तान में बैठकर ही रची जाने की पुष्टी हो रही है। हमले में प्रयोग हुआ आरपीजी भी मिलिट्री ग्रेड हार्डवेयर है, जिसे सरहद पार से ही भेजा गया था। इस बात के संकेत शुरुआती जांच में मिले हैं। डीजीपी गौरव यादव ने देर रात को घटनास्थल का मुआयना करने के बाद प्रेस से बातचीत में इसका खुलासा किया।
उन्होंने कहा कि हमले के आरोपियों पर यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है। उधर हमले की जिम्मेदारी लेने वाले दावों की भी जांच की जा रही है, क्योंकि यह भी हो सकता है कि असल आरोपियों से पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा हो। उन्होंने साफ किया हमले में शामिल लोग किसी भी देश में जाकर छिप जाए, उन्हें माफ नहीं किया जाएगा।
मालूम हो कि थाने पर हमला शुक्रवार देर रात 11.22 बजे हुआ था। वहां से गुजर रहे हाईवे से ग्रेनेड फायर किया गया था, जो की सुविधा सेंटर पर गिरा है। मगर किसी तरह जान का नुकसान नहीं हुआ। पुलिस ने लांचर रोड से रिकवर किया है, जबकि लांचर व प्रोपेलर भी बरामद कर लिया है। प्राथमिक जांच में सामने आया मिलिट्री ग्रेड हार्डवेयर है, आशंका है कि सरहद पास से तस्करी के माध्यम से भेजा गया था।
डीजीपी ने कहा हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान ने यह ठान लिया है कि हजारों घाव देकर भारत को लहुलुहान कर देगा, लेकिन उसे इसमें कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। बीएसएफ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों से मिलकर इस हमले की जांच की जा रही है।